एनजीटी के आदेश से सुधरेगी गरगा की सेहत
जागरण संवाददाता बोकारो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नये आदेश से गरगा नदी की सेहत
जागरण संवाददाता, बोकारो : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नये आदेश से गरगा नदी की सेहत सुधरेगी। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा जल संचयन की दिशा में भी काम हो सकता है। इस संबंध में जिलास्तर पर प्रारंभिक बैठक हो चुकी है। जो लोग गरगा को गंदा करेंगे, उन पर प्रदूषण नियंत्रण नियमों के तहत प्राथमिकी दर्ज होगी।
विदित हो कि गरगा नदी बोकारो की लाइफलाइन है। इसके लिए ठोस पहल नहीं की, तो यह ऐतिहासिक धरोहर धीरे-धीरे मिट जाएगी और आने वाली पीढ़ी इसे नाला के रूप में देखेगी। एनजीटी की यह पहल जल संरक्षण को लेकर किया गया। इस संबंध में कार्रवाई से सभी जिलों के उपायुक्त से एक्शन टेकेन रिपोर्ट की भी मांग की गई है। प्राथमिक रिपोर्ट 30 अगस्त तक भेजनी है।
बोकारो सबसे पहली प्राथमिकता गरगा को प्रदूषण मुक्त करना है। इसके अलावा आदेश के तहत प्रदूषण नियंत्रण व जल संरक्षण के लिए प्रत्येक गांव में एक-एक बड़ा तालाब का निर्माण मनरेगा से करना है। ताकि पानी का संचयन किया जा सके। हालांकि प्रशासन के लिए एनजीटी के आदेश का पालन करना बड़ी चुनौती है। लगभग पांच लाख की आबादी अपने घर की गंदगी को सीधे गरगा में डाल रही है। खास कर नगर निगम क्षेत्र विभिन्न मोहल्ले के साथ चीरा-चास, बारी को-ऑपरेटिव सहित अन्य कॉलोनी के लोग अपनी सारी गंदगी को गरगा में प्रवाहित कर रहे हैं।
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क्या-क्या कार्रवाई करेगा प्रशासन
1. जहां भी वन भूमि का अतिक्रमण हुआ है उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
2. वन भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकेगा।
3. पावर प्लांट सहित अन्य उद्योगों का कचरा नदी में प्रवाहित करने पर पाबंदी रहेगी।
4. नदी की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों का मकान तोड़ा जाएगा और नदी को बचाने का प्रयास होगा।
5. बालू व पत्थर के अवैध उत्खनन पर पूर्ण पाबंदी लगानी होगी।
6. बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित कराने की जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।
7. पीपीई किट सहित अन्य उपयोग किए गए सामानों को सही ढंग से निष्पादित किया जाएगा।
8. पशु चिकित्सालय व अन्य संस्थानों द्वारा प्रदूषण फैलाने पर दंडित किया जा सकेगा।