कथारा में जल्द खुलेगी नई कोल वाशरी
करगली (बेरमो) सीसीएल मुख्यालय के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 19-20 के कोयला उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त
करगली (बेरमो) : सीसीएल मुख्यालय के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 19-20 के कोयला उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने को लेकर शनिवार को सीसीएल मुख्यालय के डीटी (डायरेक्टर टेक्निकल) वीके श्रीवास्तव ने शनिवार को बीएंडके प्रक्षेत्र के आफिसर्स क्लब में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोयला उत्पादन की समीक्षा की गई। डीटी ने कहा कि अधिकारी पूरे मन के साथ सीसीएल के कोयला उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में जुट जाएं। टीम वर्क के साथ सभी अधिकारियों व कर्मचारी अपने प्रक्षेत्र के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करें। इस दौरान उन्होंने उत्पादन में जरूरी संसाधनों का पूरा करने का आश्वासन देने के साथ कई दिशा- निर्देश दिया। डीटी श्रीवास्तव ने महाप्रबंधक एमके राव सहित परियोजना पदाधिकारियों के साथ बारी-बारी मैप के माध्यम से खदानों की स्थिति का जायजा लिया एवं आवश्यक निर्देश दिए। श्रीवास्तव ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में बेरमो कोयलांचल के ढोरी, बीएंडके व कथारा तीनों प्रक्षेत्र मिलकर 15 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेंगे। अगले वित्तीय वर्ष में सीसीएल का कोयला उत्पादन लक्ष्य 86 मिलियन टन होगा। कोयला उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाने वालों में प्रथम मगध अम्रपाली, दूसरा पिपरवार व तृतीय बीएंडके प्रक्षेत्र है। बताया कि रजरप्पा वाशरी को फिर से रिनोवेट किया जाएगा। तापीन एवं कथारा में नया वाशरी का निर्माण किया जाएगा। 20 वर्षों तक कोयले का अकूत भंडार है, दो कि ऊर्जा के माध्यम का मुख्य श्रोत है। कहा कि प्रक्षेत्र में बंद पड़ी खदानों पिछरी, अंगवाली, डीआरएंडआरडी को चालू करने को लेकर प्रक्रिया जारी है। रेलवे वैगन में ओवरलोडिग की वजह से सीसीएल को लग रहे जुर्माना को देखते हुए आने वाले समय में शैलो लोडिग सिस्टम के माध्यम से रैक लोडिग किया जाएगा। बैठक में केएस ग्रेवाल, जीएम वीके झा, एके शर्मा, राजेश कुमार आदि मौजूद थे।
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सीटीओ नहीं मिलने से कार्य प्रभावित :
सीटीओ क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण कोल इंडिया के कई खदानों में उत्पादन कार्य प्रभावित हो रहा है। इसकी वजह से पांच खदानें बंद हो चुकी है। बहुत जल्द मंत्रालय के हस्तक्षेप से मामला का समाधान निकाला जाएगा। सीटीओ मिलने से उत्पादन में तेजी आएगी। वहीं चमातु परियोजना बंद होने से कोयला उत्पादन में समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां से 8 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य था परंतु अभी तक लगभग 3.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन हो सका है।