नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों का होगा सर्वांगीण विकास
बोकारो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व की केंद्र सरकार ने शिक्षा को सर्वसमावेशी और प्रासंगि
बोकारो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व की केंद्र सरकार ने शिक्षा को सर्वसमावेशी और प्रासंगिक बनाने के लिए आधारशिला रखी है। यह शिक्षा नीति सबके लिए आसान पहुंच व गुणवत्ता युक्त होगी। इसके माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा। साथ ही रोजगार का सृजन होगा। ये बातें भाजपा के बोकारो जिलाध्यक्ष भरत यादव ने सेक्टर एक कार्यालय में कही। कहा कि नई शिक्षा नीति में भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है। बच्चों को शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा देने का प्रावधान रखा गया है। नई शिक्षा नीति में छात्रों को कक्षा छह से आठवीं के बीच कम से कम दो साल का लैंग्वेज कोर्स करना भी प्रस्तावित है। नई शिक्षा नीति को नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है। छात्र आउट ऑफ द सिस्टम हो जाता है तो नई व्यवस्था में इसमें भी थोड़ा सा बदलाव किया गया है। नए सिस्टम में एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा तीन या चार साल के बाद डिग्री मिल सकेगी। बोर्ड परीक्षाएं जानकारी के अनुप्रयोग पर आधारित होंगी। नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए है। हायर एजुकेशन के लिए सिगल रेगुलेटर रहेगा। लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी जीईआर पहुंचने का लक्ष्य है। मौके पर बोकारो के विधायक बिरंची नारायण, शशिभूषण ओझा मुकुल, सुनील गोस्वामी, कमलेश राय, दिलीप श्रीवास्तव, संजय त्यागी, इंद्र कुमार झा, धीरज झा, सुजीत चक्रवर्ती, सुबोध सिंह, पन्ना लाल कांदू, अजय सिंह, श्याम लोचन सिंह, द्वारिका सिंह मुन्ना, सनातन सिंह, महेंद्र राय आदि उपस्थित थे।