सेल में नए साल से नहीं चलेगी नेतागिरी
बोकारो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल में श्रमिक संगठन के नाम पर काम से कन्नी
बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल में श्रमिक संगठन के नाम पर काम से कन्नी काटने वाले कर्मचारियों को अब काम के बदले दाम पर वेतन का निर्धारण किया जाएगा। ऐसा इसलिए की कंपनी में घटते मैनपावर के बीच प्रबंधन साल 2030 तक अपने उत्पादन क्षमता को 50 मिलियन टन करने पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। कोरोना काल में कंपनी में बीते एक साल से नई बहाली पर रोक लगी हुई है एवं वर्तमान में जो संयंत्रकर्मी कंपनी का काम कर रहे हैं, उस श्रमशक्ति में मुख्यालय के 2030 का लक्ष्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। इसके समाधान के लिए अब ऐसे कर्मचारी-अधिकारियों की सूची मुख्यालय ने तलब की है, जो अलग-अलग संगठन के नाम पर काम के बगैर कंपनी से वेतन का लाभ उठा रहे हैं। इनसे अब विभागीय के साथ संयंत्र का कामकाज भी लिया जाएगा। यदि इन कर्मियों को कामकाज में छूट दी जाती है तो इसका खामियाजा संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष को कार्रवाई के तौर पर भुगतना होगा।
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- भावी अध्यक्ष बना रही नई रणनीति -
सेल की भावी अध्यक्ष सोमा मंडल एक जनवरी 2021 को कंपनी में बतौर चेयरमैन के पद पर पदभार ग्रहण करने जा रही है, लेकिन इससे पूर्व ही उनके द्वारा कंपनी में शासन-प्रशासन को मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार किया जा रहा है। सोमा कंपनी में वाणिज्य से लेकर वित्तीय हर मसले की विशेषज्ञ रही है। जबकि संयंत्र के हर गतिविधियों पर भी उनका पूरा फोकस शुरू से ही रहा है। 30 दिसंबर को नई दिल्ली में आहूत सेल बोर्ड की बैठक के बाद कंपनी में नए साल से नए बदलाव पर वे अभी से ही विचार मंथन प्रारंभ कर दी है। इस्पात उद्योग को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए योजना तैयार किया जाने लगा है, जिसमें मैनपावर एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में नए साल से नई योजना के साथ सेल मुख्यालय कंपनी में कामकाज करने की तैयारी में जुट गई है।
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- ऑनलाइन हाजिरी के बाद बायोमेट्रिक पर होगा निर्णय -
बोकारो इस्पात संयंत्र सहित सेल के कई इकाई में डीआर के बदले ऑनलाइन हाजिरी का प्रावधान एक दिसंबर 2020 से लागू कर दिया गया है। जबकि डीआर से हाजिरी भेजने वाले टाइम ऑफिस को बंद कर वहां के कर्मियों से संयंत्र में कामकाज लिया जाएगा। ऑनलाइन हाजिरी के प्रयोग की सफलता के बाद प्रबंधन की मंशा संयंत्रकर्मियों के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराने की है। कोरोना काल में इस व्यवस्था पर फिलहाल बीते आठ माह से अधिकारियों के लिए रोक दिया गया है, लेकिन अब जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है। योजना को सभी संवर्ग पर लागू करने पर विचार प्रारंभ कर दिया गया है।