जैविक उद्यान में शेरनी रामेश्वरी ने ली आखिरी सांस
बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर चार स्थित जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान में शेरनी रामेश्वरी ने मंगलवार की रात आखिरी सांस ली।
जागरण संवाददाता, बोकारो: बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर चार स्थित जवाहर लाल नेहरू जैविक उद्यान में शेरनी रामेश्वरी ने मंगलवार की रात आखिरी सांस ली। जैविक उद्यान प्रबंधन की ओर से उसके शव को चिड़ियाघर परिसर में ही दफनाया गया। रामेश्वरी की मौत के बाद चिड़ियाघर में बाड़ा खाली हो गया। फिलहाल यहां शेर-शेरनी की दहाड़ सुनाई नहीं देगी। रामेश्वरी की उम्र 18 वर्ष थी। उसे मैत्री पार्क भिलाई से 12 दिसंबर 2008 को लाया गया था। 2002 में उसका जन्म भिलाई इस्पात संयंत्र के जैविक उद्यान में हुआ था।
कार्डियक अरेस्ट से गई जान: बोकारो इस्पात प्रबंधन के अनुसार, मंगलवार को रामेश्वरी बिल्कुल स्वस्थ थी और सामान्य आहार ले रही थी। बुधवार की सुबह जब उद्यान कर्मियों ने शेरनी को टहलते नहीं देखा तो इसकर सूचना जैविक उद्यान के वरीय अधिकारियों को दी गई। तत्काल बाड़े को खोलकर देखा गया तो वह मृत मिली। वन विभाग को भी इसकी जानकारी दी गई। दोपहर बाद राज्य सरकार के चिकित्सक डॉ मुकेश सिन्हा ने नेहरू जैविक उद्यान के प्रभारी की उपस्थिति में मृत शेरनी का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर अजय कुमार भी उपस्थित थे। रिपोर्ट के मुताबिक, शेरनी की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है।
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पर्यटकों का ध्यान खींचती थी रामेश्वरी: बोकारो जैविक उद्यान का वातावरण रामेश्वरी के अनुकूल था। वह बड़े आराम से बाड़े में चहलकदमी करती थी। पर्यटकों को देखकर दहाड़ लगाती थी। कूदती थी। पर्यटकों का ध्यान वह अपनी ओर खींचती थी। लोग खास कर बच्चे इसे देखने व दहाड़ सुनने के लिए शेरनी के बाड़े के पास चले आते थे। मालूम हो कि इस बाड़े में इसके साथ शेर भी रहता था, लेकिन कुछ माह पहले उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद से वह यहां अकेली रहती थी।