सड़क हादसे में मौत पर केदारनाथ के पत्नी को मिला 37.19 लाख का मुआवजा
बोकारो : छह साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिर छुम्मा देवी को न्याय मिला। मंगलवार को उपायुक्
बोकारो :
छह साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिर छुम्मा देवी को न्याय मिला। मंगलवार को उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरनवाल ने छुम्मा देवी को उनके दोनों पुत्र महावीर प्रसाद मुर्मू एवं कमल राम मुर्मू की उपस्थिति में 37,19, 045 रुपये का चेक प्रदान किया। यह राशि बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस के माध्यम से जमा कराया गया था। छुम्मा को न्याय पाने के लिए सिविल कोर्ट से उच्च न्यायालय तक का चक्कर लगाना पड़ा। देर से ही सही उसे उनके हक का पैसा मिल गया।
मौके पर जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी संदीप कुमार सहित अन्य उपस्थित थे। छुम्मा सेक्टर 9 की रहने वाली है।
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क्या है मामला : छुम्मा देवी के पति केदारनाथ मुर्मू 21 अगस्त 2012 को बीएसएल प्लांट में ड्यूटी के दौरान साइट पर जा रहे थे। इस बीच ट्रेलर ने धक्का मार दिया। केदारनाथ मुर्मू की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद वाहन की बीमा करने वाली कंपनी के पार्टी बनाते हुए छुम्मा देवी ने सिविल कोर्ट में मुआवजा के लिए वाद दायर किया। वर्ष 2015 में सिविल कोर्ट की ओर से ओरिएंटल इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बोकारो को 29,78,568 रुपया मुआवजा तय करते हुए राशि को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया गया। लेकिन कंपनी ने राशि का भुगतान नहीं किया गया। अलबत्ता फैसले के खिलाफ बीमा कंपनी ने उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दिया। इधर छुम्मा ने मुआवजा भुगतान के लिए जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी को रिकवरी की कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्रवाई प्रारंभ हुई। राशि नहीं देने पर नीलाम पत्र पदाधिकारी ने बीमा कंपनी के स्थानीय शाखा प्रबंधक के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक ने जमानत की अर्जी दी। इस पर कोर्ट ने तत्काल दस लाख की राशि जमा करने को कहा। दस लाख की राशि देने के बाद प्रबंधक को इस शर्त के साथ जमानत मिली कि वह शेष राशि जमा कर देगा। इसके बाद कंपनी ने 37,19,045 रुपये का चेक जमा करवाया। शेष राशि का भुगतान ओरिएंटल इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बोकारो के द्वारा बाद में करेगी।