युवक की हत्या में प्रेमी संग पत्नी को आजीवन कारावास
जागरण संवाददाता, बोकारो : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने बालीडीह निवासी
जागरण संवाददाता, बोकारो : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने बालीडीह निवासी उषा देवी उसके प्रेमी खुंटरी जरीडीह निवासी विजय मांझी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उषा पर अपने पति डोमन मांझी की हत्या गला घोंटकर प्रेमी के साथ मिलकर करने के अलावा शव को पलाश के पेड़ पर टांगने का आरोप लगा था। अदालत ने दोनों को 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माना न देने पर इन्हें छह माह के अतिरिक्त कैद की सजा काटने का आदेश अदालत से मिला है। विजय को अदालत ने साक्ष्य मिटाने की कोशिश में भी दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कैद की सजा के अलावा दस हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है। जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त कैद की सजा विजय को काटनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माना से वसूली गई राशि मृतक के पिता को देने का आदेश अदालत ने दिया है। इस मामले में अभियोजन का पक्ष अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने रखा। बताया जा रहा है कि बालीडीह निवासी उषा देवी की शादी चंदनकियारी के संथाल लाघला निवासी डोमन मांझी से वर्ष 2007 में हुई थी। वर्ष 2011 में दुर्गा पूजा के समय उषा अपने मायके आई हुई थी। यहीं पर वह अपने पति डोमन को फोन कर बुलाई। महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या गला घोंटकर कर दी और शव को पलाश के पेड़ पर टांग दिया गया। --बाद में हुई थी शव की शिनाख्त--- बताया जा रहा है कि सूचना मिलने पर बालीडीह पुलिस घटनास्थल पर जाकर पलाश के पेड़ से शव को नीचे उतारी थी। परिस्थिति जन्य साक्ष्यों से स्पष्ट हो रहा था कि हत्या करने के बाद शव को पेड़ पर टांगा गया है। थाने के चौकीदार फणीभूषण महतो के बयान पर पुलिस अज्ञात हत्यारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना में जुटी। बाद में शव की शिनाख्त हुई तो पुलिस इस पूरे मामले में मृतक की पत्नी व पत्नी के प्रेमी के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित की थी।