खतरे में जारंगडीह-खेतको पुल का अस्तित्व
कथारा (बेरमो) जारंगडीह-खेतको पुल का अस्तित्व खतरे में है। यदि शीघ्र ही मरम्मत नहीं की
कथारा (बेरमो) : जारंगडीह-खेतको पुल का अस्तित्व खतरे में है। यदि शीघ्र ही मरम्मत नहीं की जाएगी तो कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। यह पुल बेरमो अनुमंडल के बेरमो प्रखंड के जारंगडीह व पेटरवार प्रखंड की खेतको बस्ती के बीच दामोदर नदी पर बना हुआ है। इस पुल के समीप से अवैध रूप से बालू उठाव का गोरखधंधा चल रहा है। इस कारण नदी के ऊपर बने इस पुल का पिलर कमजोर होता जा रहा है। वहीं सरकार को प्रत्येक दिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जारंगडीह-खेतको पुल का निर्माण लगभग 6 करोड़ की लागत से हुआ है। निर्माण कार्य वर्ष-2009 में शुरू हुआ, जो वर्ष-2011 में पूर्ण हुआ। बालू उठाव किए जाने के कारण महज आठ वर्ष में ही पुल का पिलर गिरने के कगार पर है। बताते चलें कि अवैध रूप से बालू उठाव का गोरखधंधा बेरमो अनुमंडल के दामोदर व कोनार नदी के दर्जनों घाटों में चल रहा है। प्रशासन व खनन विभाग की ओर से जब कभी छापेमारी अभियान चलाया जाता है, उसकी भनक पूर्व में ही बालू के धंधेबाजों तक पहुंच जाती है। जारंगडीह-खेतको घाट से लगातार बालू उठाव पुल के समीप किए जाने के कारण पुल का पिलर दिनोंदिन कमजोर होता जा रहा है, जो कभी भी गिर सकता है। यह जानकारी मिलने पर पेटरवार थाना के प्रभारी विपिन कुमार ने शुक्रवार को इस पुल को समीप से देखा। कहा कि इस पुल के समीप से बालू उठाव नहीं होने दिया जाएगा। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों से बात कर बालू उठाव पर रोक लगाई जाएगी।