सेल में चल रहा बीमा का खेल, जांच में जुटी सीआइएसएफ
बोकारो महारत्न कंपनी सेल के अलग-अलग इकाई में काम करने वाली निजी कंपनी पर सीआइएसएफ ने
बोकारो : महारत्न कंपनी सेल के अलग-अलग इकाई में काम करने वाली निजी कंपनी पर सीआइएसएफ ने अपना पहरा बढ़ा दिया है। ऐसा इसलिए की कंपनी में बड़े पैमाने पर फर्जी निकासी के लिए माल के बदले दाम का खेल जोर-शोर से चल रहा है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा बीमा कंपनी को भुगतना पड़ रहा है। जो की दावेदार के क्षतिपूर्ति के रूप में रकम की अदायगी संबंधित प्राइवेट कंपनी को कर रही है। सीआइएसएफ मुख्यालय तक शिकायत पहुंचने के बाद संयंत्र की सुरक्षा में तैनात बल सदस्यों को मुस्तैद कर दिया गया है। बताया जाता है कि बोकारो इस्पात संयंत्र सहित सेल के विभिन्न इकाई में कार्यरत कई निजी कंपनी आए दिन संयंत्र में छोटी-बड़ी चोरी की वारदात की शिकायत स्थानीय थाना में दर्ज करा रही है। लेकिन इनमें अधिकतर मामले ऐसे है जिसमें चोरी के पुख्ता साक्ष्य के साथ कोई गवाह मौके पर मौजूद नही रहते है। जबकि संयंत्र परिसर में काम करने वाली प्राय: प्राइवेट कंपनी में सुरक्षा गार्ड के अलावा सीआइएसएफ की ड्यूटी चौबीसों घंटे रहती है। ऐसे में चोरी हुए माल के निकासी पर संबंधित कंपनी के कार्यप्रणाली पर अब प्रश्नचिन्ह उठने लगा है। संयंत्र में चोरी से संबंधित गलत मुकदमा थाना में दर्ज कराने से सीआइएसएफ की छवि बेवजह धूमिल होती है। इसलिए ऐसे लोगों पर सीआइएसएफ अपना शिकंजा पूरी तरह से कसने का मन बना ली है।
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- सीसीटीवी कैमरे में भी नहीं मिल पाता है साक्ष्य - सेल के विभिन्न इकाई में निजी कंपनी द्वारा चोरी की दर्ज की गई शिकायतों के बाद जब सीआइएसएफ अपने स्तर से जांच पड़ताल में जुटती है तो उसे सामग्री के निकासी का कोई साक्ष्य प्लांट से बाहर ले जाने का नही मिल पाता है। जबकि कंपनी के हर गेट पर हाई रिसोल्यूशन के सीसीटीवी कैमरा लगे हुए है। यह शंका सीआइएसएफ के जांच को और भी मजबूत बना रही है। समझा जा रहा है की प्राइवेट कंपनी अपने निजी स्वार्थ के लिए कंपनी में उपयोग किये जाने वाले रॉ मैटेरियल को संयंत्र के अंदर ही किसी दूसरे कंपनी के साथ साठ-गांठ कर माल को खपा दे रही है। जिसे बाद में चोरी का नाम देकर सामग्री के क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कंपनी से रकम की उगाही किया जा रहा है।