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पंचायत के फरमान पर दुष्कर्म करने वाले को 20 वर्ष की कैद

अदालत ने दुष्कर्म के मामले में गुलगुलिया समाज के स्वयंभू मुखिया घोषाल पासी समेत उसके दामाद नाकेबंदी पासी व बेटी सुगिता देवी उर्फ गुड़िया देवी को सजा सुनाई है।

By Edited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 03:42 PM (IST)
पंचायत के फरमान पर दुष्कर्म करने वाले को 20 वर्ष की कैद
पंचायत के फरमान पर दुष्कर्म करने वाले को 20 वर्ष की कैद

जागरण संवाददाता, बोकारो। विशेष न्यायाधीश पोक्सो सह अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में गुलगुलिया समाज के स्वयंभू मुखिया घोषाल पासी समेत उसके दामाद नाकेबंदी पासी व बेटी सुगिता देवी उर्फ गुड़िया देवी को बुधवार को सजा सुनाई। दामाद नाकेबंदी पासी को अदालत ने दुष्कर्म के लिए दोषी पाते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा के अलावा दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माना नहीं देने पर उसे दो माह के अतिरिक्त कैद की सजा काटने का आदेश दिया गया है। घोषाल व उसकी बेटी गुड़िया देवी पर दुष्कर्म के लिए उकसाने का दोष सिद्ध होने पर अदालत ने इन दोनों को दस-दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा के अलावा दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।

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जानें, क्या है मामला: वर्ष 2014 की 7 जुलाई को इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर गोमिया पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। बताया गया था कि पीड़िता का भाई शराब के नशे में अपना घर समझकर स्वयंभू मुखिया घोषाल पासी की बेटी गुड़िया के कमरे में घुस गया था। गुड़िया ने अगले दिन अपने पिता घोषाल पासी से इसकी शिकायत कर दी। घोषाल ने इसे छेड़खानी बताते हुए अपने समाज के लोगों को बुलाकर पंचायत की और बदला लेने को यह तुलगकी फरमान सुना दिया कि जैसा युवक ने उसकी बेटी के साथ किया है, वैसी ही घटना उसकी बहन के साथ की जाए। घोषाल की बेटी और दामाद यह फरमान सुनकर छेड़खानी के आरोपित युवक की झोपड़ी में चले गए और उसकी 14 वर्षीय बहन को खींच कर बाहर निकाल लाए। घोषाल के दामाद नाकेबंदी ने अपने ससुर के आदेश के बाद पूरे समाज के सामने किशोरी को खींच कर बगल में सुनसान जगह पर ले गया और उससे दुष्कर्म किया। घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था। बोकारो से लेकर रांची तक की टीम जांच को पहुंची थी।

मां के प्रयास पर भी नहीं बच पाई थी बेटी की आबरू: घटना के समय पीड़िता के पिता बाहर मजदूरी करने गए हुए थे। मां बगल के जंगल में लकड़ी चुन रही थी। जब पीड़िता को झोपड़ी से खींचकर बाहर निकाला गया तो वह शोर मचाने लगी। हल्ला सुनकर बगल में लकड़ी चुन रही उसकी मां दौड़कर आई और उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन आरोपितों ने उसके बाल पकड़कर धक्का दे दिया। मां व भीड़ के सामने ही पीड़िता को खींचकर ले गया और दुष्कर्म किया।

वैज्ञानिक तरीके से हुए अनुसंधान से अभियोजन को मिली मजबूती: घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता के कपड़ों को जांच के लिए जब्त किया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कपड़े जब्त कर जांच के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि नाकेबंदी ने ही पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। अभियोजन पक्ष ने 18 लोगों की गवाही कराई।


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