नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में विकास की अनदेखी
बेरमो : नक्सली कॉरिडोर के रूप में चिह्नित ऊपरघाट क्षेत्र विकास योजनाओं की बंदरबांट का
बेरमो : नक्सली कॉरिडोर के रूप में चिह्नित ऊपरघाट क्षेत्र विकास योजनाओं की बंदरबांट का केंद्र बिन्दु बना गया है। ग्रामीण पथों के निर्माण में सौ करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। बीते दो वर्ष से योजना खटाई में पड़ी है। कार्य एजेंसियों पर नियंत्रण नहीं रखने से गुणवत्ता की पड़ताल और तकनीकी जांच नहीं हो पाती है। अधिकांश संपर्क पथ बनने के साथ टूट रहे हैं वहीं कई पथों में काम अधूरा पड़ा है। ऊपरघाट के बाराडीह से सारूबेड़ा मोड़ तक 6.5 किमी लंबी सड़क जिसकी प्राक्कलित राशि करीब 6.5 करोड़ रुपये है, में आधा-अधूरा ही काम हुआ है। फुसरो और नावाडीह आने जाने के लिए यह अहम रोड है। बताया जाता है कि अधिकांश योजनाएं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राज्य संपोषित योजना के तहत स्वीकृत हुई हैं। इसका कार्यान्वयन आरडब्ल्यूडी (ग्रामीण पथ निर्माण विभाग) कर रहा है। ऊपरघाट की कंजकिरो पंचायत अंतर्गत पिपराडीह से कोरियाबेड़ा-काछो रोड, जिसकी लागत तीन करोड़ रुपए से अधिक की है, में योजना कार्य की गुणवत्ता को लेकर सांसद प्रतिनिधि तारकेश्वर महतो ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। इसके अलावा पलामू पंचायत में ऐदलबेड़ा से छोटकीकुड़ी रोड, डेगागढ़हा से हरलाडीह-बारीडीह रोड, गोंदलीगोंड़ा से नारायणपुर-पेंक मोड़ सहित नारायण से शिशुआ होते हुए गोनियाटो तक रोड निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने भी अपना विरोध जताया था। अवैध पत्थरों का उपयोग : ऊपरघाट में वनक्षेत्र काफी बड़ा है। यहां सुदूर जंगलों में अवैध खनन का धंधा वर्षों से फलफूल रहा है। सड़क निर्माण कार्य में बोल्डर और पत्थर की मांग होने पर धंधेबाज इसे एजेंसियों को सुलभ कराते हैं। प्राक्कलन में इसके लिए रॉयल्टी युक्त और लीजधारियों से पत्थर लेने का प्रावधान किया जाता है लेकिन ठेकेदार अधिक मुनाफा अर्जित करने के लिए धड़ल्ले से अवैध पत्थरों को निर्माण कार्य में खपा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि आरइओ के तकनीकी अभियंता कभी भी ऊपरघाट क्षेत्र के योजना स्थलों में कार्य की गुणवत्ता जांच को नहीं आते। ऊपरघाट क्षेत्र में ऐसी दर्जनों सड़कें हैं
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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन में ठेकेदार और इंजीनियर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी प्रशासन चौकस रहता है। बावजूद इसके यदि कार्य की गुणवत्ता बेहतर नहीं है तो ग्रामीण इसकी शिकायत करें, अनुमंडल स्तर पर फौरन कार्रवाई की जाएगी।
- प्रेम रंजन, एसडीएम, बेरमो।