हड़ताल पर गए स्वास्थ्य कर्मी, बाधित रहेगी स्वास्थ्य सेवा
बोकारो अगर आप सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेना चाहते हैं तो अभी इंतजार करना होगा। स्वा
बोकारो : अगर आप सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेना चाहते हैं, तो अभी इंतजार करना होगा। स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल की वजह से लोगों को इन परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। नेशनल स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के आह्वान पर बोकारो के अनुबंध कर्मी शनिवार की शाम बेमियादी हड़ताल पर चले गए। इसका असर सरकारी स्वास्थ्य सेवा पर सीधा पड़ेगा। टीकाकरण सहित कई तरह की स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से ठप रहेंगी। सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवा को छोड़कर सभी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी। हड़ताल को लेकर शनिवार को कैंप-दो में नेशनल स्वास्थ्य मिशन के अनुबंध कर्मियों की बैठक हुई।
इसमें हड़ताल की सफलता को लेकर चर्चा करते हुए झारखंड सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति की निदा करते हुए हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। अनुबंध कर्मियों ने राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ सरकार इन्हीं अनुबंध कर्मियों से पिछले दो वर्षो से कोरोना काल में काम कराते रही। अब इन कर्मियों को नालायक कह रही है। इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने अनुबंध कर्मियों के साथ भेदभाव की नीति समाप्त करते हुए नियमित कर्मियों की तरह मान-सम्मान देने की मांग की। इस अवसर पर जयप्रकाश नायक, अभय कुमार, पवन कुमार श्रीवास्तव, अमित कुमार सिन्हा, रमेश कुमार, विश्वनाथ, बालकृष्ण कुमार, उर्मिला, श्वेता, रंभा, असीम, फणिभूषण, असलम, मुकेश कुमार, हेमंत झा, मधुमिता प्रभा, नितिन, तनवीर अंसारी सहित अन्य अनुबंध कर्मी उपस्थित थे। क्या है कर्मियों की मांग :
- राज्य कार्यक्रम प्रबंधक ज्वाला प्रसाद की बर्खास्तगी वापस ली जाए।
- नेशनल हेल्थ मिशन के अनुबंध कर्मियों के साथ उच्च अधिकारियों द्वारा किया जा रहा दुर्व्यवहार व मानसिक प्रताड़ना बंद किया जाए।
- पब्लिक हेल्थ कैडर को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
- पूर्व की भांति रविवारीय अवकाश के साथ कार्यालय एवं राजपत्रित अवकाश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
- अनुबंध कर्मियों को ईपीएफ की सुविधा दी जाए।
- ग्रुप इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाए।
- अवकाश के दिनों में किए गए कार्य के एवज में क्षतिपूर्ति अवकाश की सुविधा प्रदान की जाए।
- कोविड-19 में निकाले गए स्वास्थ्य कर्मियों को दोबारा बहाल किया जाए।
- प्रत्येक वर्ष कम से कम 10 फीसद वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जाए।
- अनुबंध कर्मियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।
- आकस्मिक मृत्यु होने पर कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाए।
- अनुबंध कर्मियों को नियमित कर्मियों के अनुरूप सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए।
- एचआर पालिसी अविलंब लागू की जाए।