नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा
बोकारो: सरकारी स्तर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के शिक्षा का अलख जगाने का प्रयास किया जा रहा ह
बोकारो:
सरकारी स्तर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के शिक्षा का अलख जगाने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा के माध्यम से यहां के बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने की कवायद शुरु की गई है। इसके तहत बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर दो डी छात्रावास को आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा, आवास, भोजन व चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही जैनामोड़ स्थित इंद्रधनुष आवासीय विद्यालय को भी यहां स्थानांतरित किया जाएगा।
इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को काफी सहूलियत होगी। वे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। अनाथ बच्चों के लिए भी यह विद्यालय वरदान साबित होगा।
- 200 बच्चों को प्रदान की जाएगी शिक्षा
इस आवासीय विद्यालय में जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 100 बच्चों का दाखिला लिया जाएगा। इसके अलावा यहां 100 अनाथ बच्चों का भी नामांकन किया जाएगा। इन्हें निश्शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। शिक्षा विभाग ने अभी तक इस आवासीय विद्यालय के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 12 बच्चों का नामांकन किया है। यहां और बच्चों का दाखिला करने के लिए विभागीय स्तर पर काम हो रहा है। इस सत्र से ही यहां कक्षा का संचालन किया जाएगा। विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन के अलावा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। विद्यार्थियों का दाखिला कक्षा छह के लिए किया गया है। यहां कक्षा आठ तक की पढ़ाई होगी। आगे कक्षा को बढ़ाए जाने की संभावना है।
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वर्जन
बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर दो डी छात्रावास को आवासीय विद्यालय के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 100 बच्चों का दाखिला कक्षा छह के लिए किया जाएगा। अनाथ बच्चों को भी यहां शिक्षा प्रदान की जाएगी। फिलहाल नक्सल क्षेत्र के 12 विद्यार्थियों का दाखिला लिया गया है। इस सत्र से यहां पढ़ाई शुरू की जाएगी।
वीणा कुमारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, बोकारो