Move to Jagran APP

यहां धूल व छाई से सड़कों पर छा जाता अंधेरा

अभियान : सड़क सुरक्षा सप्ताह ---------------------- सावधानी ही सुरक्षा -------------------- फ

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 09:45 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 09:45 PM (IST)
यहां धूल व छाई से सड़कों पर छा जाता अंधेरा
यहां धूल व छाई से सड़कों पर छा जाता अंधेरा

अभियान : सड़क सुरक्षा सप्ताह

loksabha election banner

----------------------

सावधानी ही सुरक्षा

-------------------- फोटो : 12 बीईआर 19 -बेरमो कोयलांचल में कोहरे के साथ-साथ उड़ती धूल भी हादसे का सबब -कोयले व पावर प्लांट की छाई की ट्रांसपोर्टिग इस मुसीबत में करती इजाफा विधु विनोद, बेरमो

----------------------

जाड़े के मौसम में कोहरे के कारण अमूमन हर जगह फिजा पर धूंध छा जाना आम बात है, जिससे वाहनों के परिचालन में दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं बेरमो कोयलांचल में कोहरे के साथ-साथ उड़ती धूल भी हादसे का सबब बनती रहती है। यहां धूल उड़ने का मुख्य कारण कोयला खदानों की अधिकता तो है ही, साथ ही कोयले व पावर प्लांट की छाई की ट्रांसपोर्टिग इस मुसीबत में इजाफा करती है। डंपरों व ट्रकों से कोयले के चूर्ण सड़क पर गिरते रहते हैं। डंपरों से ढुलाई के क्रम में सड़क पर गिरी छाई अन्य वाहनों के चलने व जरा सी तेज हवा बहने पर उड़कर प्रदूषण को बढ़ावा देने के साथ-साथ हादसे को भी आमंत्रण देती है, क्योंकि उड़ती धूल व छाई के कारण वाहन चालकों को स्पष्ट रूप से कुछ भी दिखाई नहीं दे पाता। ऐसे में विशेष रूप से बाइक चालकों को काफी जहमत उठानी पड़ती है। चश्मा या ग्लास लगे हेलमेट पहने रहने के बावजूद बाइक चालकों की आंखों में धूल व छाई घुसकर अंधेरा भर देती है, जिससे अनियंत्रित होकर या अन्य वाहन की चपेट में आकर इस क्षेत्र में अक्सर बाइक चालक हादसे के शिकार होते रहते हैं। --तिरपाल से ढंकने के प्रावधान की अनदेखी :

सुरक्षा के लिहाज से कोयला व छाई ट्रांसपोर्टिग करने वाले डंपरों व ट्रकों के डाले का आकार कंटेनर की तरह होना चाहिए अथवा तिरपाल से अच्छी तरह ढंककर ही कोयले व छाई की ढुलाई की जानी चाहिए। इस संदर्भ में परिवहन विभाग के निर्देश का अनुपालन कराने के लिए चार वर्ष पूर्व जब बेरमो के तत्कालीन एसडीएम राहुल कुमार सिन्हा ने अभियान चलाया था, तब यहां के कोयला व छाई परिवहन करने वाले अधिकतर डंपरों के डाले के ऊपरी हिस्से में लोहे की फोल्डिंग शीट लगा दी गई थी, वहीं जिन डंपरों में लोहे की फो¨ल्डग शीट नहीं लगाई गई थी, जिसे तिरपाल से अच्छी तरह ढंककर परिचालित किया जाता था। यह सिलसिला यहां तब-तक ही जारी रहा, जब-तक कि एसडीएम राहुल कुमार सिन्हा रहे। उनके स्थानांतरण के बाद डंपरों के ऊपरी हिस्से से न केवल लोहे की फो¨ल्डग शीट हटा दी गई, बल्कि तिरपाल से ढंकने की व्यवस्था भी समाप्त हो गई। इस कारण धूल व छाई उड़ाने का कहर बरपाती ट्रांसपोर्टिग का सिलसिला पुन: जारी होने से दुर्घटनाओं का मार्ग भी प्रशस्त हो गया। नो इंट्री में भी प्रवेश कर जाते बड़े वाहन :

बेरमो का सर्वाधिक व्यस्ततम बाजार फुसरो है, जहां के ओवरब्रिज के पास हमेशा हादसे होते रहते हैं। निरंतर होती दुर्घटनाओं के कारण हालांकि दिन में यहां के बाजार एवं बैंकमोड़ होते हुए भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रशासन ने पिछले करीब तीन वर्ष से रोक लगा रखी है। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने का लाभ उठाते हुए अक्सर कई डंपर व ट्रक नो इंट्री के दौरान भी बैंकमोड़ के रास्ते में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे उक्त मार्ग पर जाम लग जाता है। इसके अलावा फुसरो बाजार के मेनरोड में डंपर-ट्रक आदि बड़े वाहनों का प्रवेश रोकने के लिए स्थानीय व्यवसायियों ने पांच वर्ष पूर्व लोहे के कई पिलर लगाकर रोड को संकरा कर दिया था, कुछ दिनों बाद ही उनमें साइड के एक-एक पिलर को रात के अंधेरे में किसी भारी वाहन के धक्के से गिराकर यहां रास्ते को बड़े वाहनों के प्रवेश के लिए सुगम बना दिया गया है। --डंपरों के चालक करते 24 घंटे की ड्यूटी :

बेरमो में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारणों में तेज रफ्तारी तो है ही, अधिकांशत: कारक कोल ट्रांसपोर्टिग में लगे डंपर हैं। यहां चलने वाले अधिकतर डंपरों के चालकों व उपचालकों से संबंधित ट्रांसपोर्टर 8 घंटे के बजाय 24-24 घंटे की ड्यूटी कराते हैं। 24 घंटे की ड्यूटी पूरी होने के बाद अन्य जोड़ीदार चालक-उपचालक को डंपर परिचालित करने को दिया जाता है। ऐसी स्थिति में दिन हो या रात चालक-उपचालक को नींद की झपकी आना लाजिमी है। डंपर चलाने के दौरान जब किसी चालक को नींद की झपकी आती है, तब उस डंपर की चपेट में आकर किसी राहगीर या अन्य वाहन चालक की ¨जदगी की बत्ती सदा के लिए बुझ जाती है। यदि अन्य कामगारों की तरह ही डंपरों के चालकों व उपचालकों से भी 24-24 घंटे के बजाय 8 घंटे की ड्यूटी ली जानी चाहिए, जिसे अमल में लाने के लिए प्रशासन एवं परिवहन विभाग को संबंधित ट्रांसपोर्टरों पर दबाव बनाना होगा। यातायात नियमों के अनुपालन के लिए पूर्व के आदेशों की समीक्षा कर नया दिशा-निर्देश जारी किया गया है। बेरमो कोयलांचल में सड़क हादसे रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं। ट्रांसपोर्टिग रूट पर नियमित अंतराल में पानी छिड़काव का आदेश सीसीएल को दिया गया है, ताकि सड़कों पर धूल व गंदगी से लोगों को बचाया जा सके। इसके साथ ही जगह-जगह संकेतक देकर यात्री वाहनों को भी खबरदार किया गया है। अधिकांश हादसे रफ्तार के कारण होते हैं। इस दिशा में तकनीकी का भी सहारा लिया जा रहा है।

- आनंद ज्योति ¨मज, ट्रैफिक डीएसपी, बोकारो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.