कोलियरी चालू को लेकर दो गुटों में बंटे विस्थापित
- दो गुट में बंटे विस्थापित एक गुट के लोगों ने सीसीएल अधिकारियों के साथ की बैठक दूसर
- दो गुट में बंटे विस्थापित, एक गुट के लोगों ने सीसीएल अधिकारियों के साथ की बैठक, दूसरे गुट के लोगों ने सीसीएल के सीएमडी का फूंका पुतला
संस, करगली/पिछरी (बेरमो) : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह की उपस्थिति में मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा सोमवार को करगली ग्राउंड में ऑनलाइन उद्घाटन कर बंद पड़ी पिछरी कोलियरी को चालू करने की घोषणा के बाद मंगलवार को समर्थन के साथ विरोध के स्वर भी बुलंद होने लगे हैं। पिछरी के विस्थापित दो गुट में बंट गए हैं। एक गुट के लोगों ने जहां कोलियरी चालू करने की हिमायत करते हुए सीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की, वहीं दूसरे गुट के लोगों ने पिछरी खदान के समक्ष प्रदर्शन करते हुए सीसीएल के सीएमडी का पुतला दहन किया। सीसीएल ढोरी महाप्रबंधक कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में पिछरी के विस्थापितों के एक गुट के लोगों को ढोरी जीएम पी वाजपेयी एवं जीएम एलएंडआर शंकर झा ने बताया कि फिलहाल पिछरी कोलियरी 34.34 एकड़ पुरानी जमीन में चालू की जाएगी। उसके बाद अधिग्रहित 422 एकड़ जमीन पर माइंस का विस्तार किया जाएगा। विस्थापित चाहें तो पैकेज डील पर सहमति बनाकर नियोजन ले सकते हैं अथवा जिनके पास दो एकड़ जमीन है वे ही नियोजन ले सकेंगे। वर्तमान नियम के तहत अधिग्रहित जमीन की कीमत प्रति डिस्मिल 11 हजार 500 रुपये का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन नियोजन नहीं मिलेगा। वही यदि पुरानी दर प्रति एकड़ 9 लाख 200 रुपये लेना चाहें तो दो एकड़ जमीन मुहैया कराने वालों को नियोजन दिया जाएगा। जिनका सिर्फ घर या घर की रैयती जमीन कोलियरी में जा रही है, उन्हें निर्धारित पुनर्वास स्थल में पांच डिस्मिल जमीन दी जाएगी। उक्त स्थल पर पानी, बिजली, अस्पताल, खेल मैदान, मंदिर आदि की सुविधा होगी। अगर वैसे व्यक्ति पुनर्वास की सुविधा नहीं लेकर सिर्फ राशि चाहेंगे तो उन्हें तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। जो परिवार अधिग्रहण से पूर्व उक्त जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं तो उन्हें राज्य सरकार के डेप्रीसिएशन वैल्यू के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
विस्थापितों की ओर से छत्रधारी मिश्रा ने कहा कि प्रबंधन जल्द से जल्द मुआवजा व नियोजन देने की प्रक्रिया चालू कर पिछरी माइंस को चालू करे। वे लोग प्रबंधन को सहयोग करने को तैयार हैं। निरंजन मिश्रा, सुभाष दिगार, नारायण महतो, बजरंगी मिश्रा, दीपक मिश्रा आदि ने कहा कि प्रबंधन लिखित आश्वासन दे कि कितने दिनों में नियोजन व मुआवजा दिया जाएगा। मौके पर सीसीएल अधिकारियों में पीके सिन्हा, आरआर श्रीवास्तव, एस मजुमदार, शैलेंद्र चौधरी, सुरेश सिंह, एएडीओसीएम के पीओ पीएन यादव आदि के अलावा विस्थापितों में गणेश पॉल, शारदा देवी, राजेश मिश्रा, बिरंची मिश्रा, राकेश मिश्रा, रामप्रवेश मिश्रा, कामेश्वर मिश्रा, झरी महतो, कारू स्वर्णकार, तपन मिश्रा आदि उपस्थित थे।
वहीं पिछरी कोलियरी के दूसरे गुट के रैयतों व विस्थापितों ने सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह का पुतला दहन करने के लिए जामटांड से जुलूस निकाला। पिछरी कोलियरी के प्रवेशद्वार के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। रैयतों में निर्मल चौधरी व मनोज सिंह ने कहा कि सीएमडी ने करगली मैदान में मुख्यमंत्री रघुवर दास को अंधेरे में रखकर पिछरी कोलियरी खोलने की घोषणा करा दी। कहा कि सीसीएल प्रबंधन ने विस्थापितों के साथ शोषण किया है। यहां के रैयतों ने जमीन की मापी कराकर कागजात सत्यापन के लिए अंचल कार्यालय में जमा कर दिया है। मुआवजा व नियोजन लिए बगैर पिछरी कोलियरी में कोई भी काम नहीं होने देगें। सीसीएल प्रबंधन की नीति व नीयत साफ नहींहै। मौके पर आशीष पॉल, संजय मल्लाह, दिलचंद महतो, जगेश्वर दिगार, इंदु शर्मा, देवी मल्लाह, बद्री सिंह, कजली देवी, जीरवा देवी, सुगी देवी, गीता देवी, बीनु देवी, सुशीला देवी, गुड़िया देवी, लक्ष्मण सिंह, तेजलाल सिंह आदि विस्थापित सक्रिय थे।