भोक्ता जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग
बोकारो खरवार की मुख्य उपजाति भोक्ता आदि को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग पर श
बोकारो : खरवार की मुख्य उपजाति भोक्ता आदि को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग पर शनिवार को खरवार भोक्ता समाज विकास मंच बोकारो की ओर से उपायुक्त कार्यालय के पास प्रदर्शन किया। मुख्य वक्ता केंद्रीय संरक्षक योधेश्वर सिंह भोक्ता ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक संविधान अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां आदेश विधेयक बिल 2016-2020 को लोकसभा में अविलंब पारित कर खरवार की मुख्य उपजाति भोक्ता सहित सभी उपजातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। कहा कि झारखंड, बिहार, बंगाल, असम, ओडिशा, छतीसगढ़ में खरवार जनजाति को मुख्य उपजाति भोक्ता समुदाय के लोग बहुसंख्यक में है। भोक्ता समुदाय जंगलों पहाड़ों में बसने के कारण अपने सामाजिक शैक्षणिक व राजनीतिक विकास से काफी कोसों दूर रहे हैं। इस कारण अपनी मूलभूत सुविधाओं व अधिकारों से वंचित होना पड़ा है। कहा कि देश के आजादी के बाद साजिश के तहत 10 अगस्त 1950 को भोक्ता समुदाय को अलग जाति बनाकर झारखंड प्रदेश की अनुसूचित जाति श्रेणी में क्रम-3 में सूचीबद्ध किया गया है। इसके कारण भोक्ता समुदाय लगातार 74 वर्षों से अपने अस्तित्व की मूल पहचान से वंचित है। मूल पहचान खोने के कारण भोगता समाज की सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मोहन गंझू व संचालन भोला भोक्ता ने किया। धरना के बाद एक प्रतिनिधि मंडल बोकारो उपायुक्त से मिलकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री आदि केंद्रीय मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष अदालत देशवाली, रमन गंझू, रामदेव सिंह भोक्ता, केंद्रीय सलाहकार झलकू गंझू, केंद्रीय कोषाध्यक्ष कोलेश्वर गंझू, केंद्रीय कार्यकारणी सदस्य हीरा लाला भोक्ता, अर्जुन सिंह भोक्ता, पूरन भोक्ता, रामचंद्र गंझू, हीरामन सिंह भोक्ता, विमल देवी, तारामनी भोक्ता, स लालमोहन सिंह भोक्ता, बैजनाथ गंझू, चमन गंझू, लालमोहन गंझू, भुनेश्वर गंझू, नारायण् गंझू, हिगला भोक्ता, महेंद्र गंझू, लखन गंझू ने संबोधित किया।