दलेर मेहंदी रब का बंदा, पाकिस्तान में बच्चे के लिए लोरी समान हैं मेरे गाने
दलेर चंदनकियारी प्रखंड के पोलकिरी में आयोजित भैरव महोत्सव में हिस्सा लेने बोकारो आए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की विश्व में विशिष्ट पहचान है। इसके माध्यम से कलाकार देश की सभ्यता व संस्कृति का प्रसार करते हैं।
जागरण संवाददाता, बोकारो: देश की संसद व प्रधानमंत्री ने जो भी निर्णय लिया उसका स्वागत करता हूं, लेकिन दलेर मेहंदी रब का बंदा है। आज भी पाकिस्तान में चार साल के रोते बच्चे को चुप कराने लिए उसकी मां दलेर मेहंदी के ही गाने सुनाती है।
यह बातें बॉलीवुड सिंगर दलेर मेहदी ने गुरुवार को बोकारो में सेक्टर एक स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में कही। दलेर चंदनकियारी प्रखंड के पोलकिरी में आयोजित भैरव महोत्सव में हिस्सा लेने बोकारो आए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की विश्व में विशिष्ट पहचान है। इसके माध्यम से कलाकार देश की सभ्यता व संस्कृति का प्रसार करते हैं।
धनबाद, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग से खास लगाव: दलेर ने कहा कि झारखंड से उनका पुराना नाता है। पटनासाहिब में उनका जन्म हुआ, इसलिए धनबाद, बोकारो, रामगढ़ व हजारीबाग से खास लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि यहां प्रतिभावान युवाओं की कमी नहीं हैं। इनकी प्रतिभा को निखारने की आवश्यकता है। उनके कई गाने लोगों की जुबान पर रहते हैं। शादी-ब्याह के मौके पर भी लोग इसे सुनना पसंद करते हैं।
दलेर ने कहा कि 1992 से गाने की जो शैली उन्होंने विकसित की, उसे अब तक बरकरार रखा है। इसमें हिंदी, पंजाबी, सूफी, भजन के अलावा शास्त्रीय संगीत का पुट है। साउथ कोरिया, मेक्सिको, अमेरिका के अलावा अन्य देशों में लोग उनके गाने सुनते हैं। पाकिस्तान से कई बार यह मैसेज आता है कि बच्चे बाहुबली फिल्म में उनका गाया गाना सुनना पसंद करते हैं।
प्रतिभाओं को तराशने को करेंगे पहल: उन्होंने कहा कि झारखंड के युवाओं की प्रतिभा को तराशने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत करेंगे। बोकारो पहुंचने के बाद दलेर ने सेक्टर दो सी गुरुद्वारा में मत्था टेका।