सुप्रीम कोर्ट व आरबीआइ की स्वायत्ता पर संकट
करगली (बेरमो) : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संघों के संयुक्त आह्वान पर 8 व 9 जनवरी
करगली (बेरमो) : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संघों के संयुक्त आह्वान पर 8 व 9 जनवरी को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के संकल्प के साथ शनिवार को करगली ऑफिसर्स क्लब में संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा का एक दिवसीय कन्वेंशन आयोजित किया गया। इसमें एटक, इंटक, सीटू, एक्टू व जेसीएमयू के प्रतिनिधियों सहित काफी संख्या में सीसीएल कामगार शामिल हुए।
मुख्य वक्ता एनसीओइए के केंद्रीय महामंत्री आरपी ¨सह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार श्रम कानूनों में संशोधन करा रही है। सरकार की मजदूर विरोधी नीति पूंजीपतियों के हक में है। इसके विरोध में कर्मचारी व मजदूर संगठनों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का फैसला लिया है। हड़ताल केंद्रीय सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए आहूत है। वर्तमान सरकार यदि पुन: सत्ता में आई तो वो दिन दूर नहीं जब मजदूरों को गुलामी की ¨जदगी जीने को विवश होना पड़ेगा। आजाद भारत में यह पहली सरकार है जो सुप्रीम कोर्ट और आरबीआइ सरीखे संस्थाओं की स्वायत्ता पर लगातार हमले कर रही है। कहा कि सरकार आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित है। मजदूर विरोधी नीतियों को लागू कर मजदूरों के हक अधिकार को कुचलने का काम किया जा रहा है।
मौके पर यूसीडब्ल्यूयू के महामंत्री लखनलाल महतो ने कहा कि राजनीतिक लड़ाई के बीच में मजदूरों को बचाना बड़ी चुनौती है। कॉरपोरेट घरानों के इशारों पर सरकार ने पीएफ, पेंशन सहित श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूरों के अधिकार को खत्म करने का प्रपंच रचा है। कामगारों के लिए फिक्स्ड टर्म इंप्लाइमेंट जैसे नियम लाकर उनके अधिकारों से खत्म किया जा रहा है। कहा कि कोल सेक्टर में 9.3.0, 9.4.0 और 9.5.0 के प्रावधानों को सरकार ने लटका कर छोड़ दिया है। हड़ताल के माध्यम से मजदूरों के संडे, ओटी की मांग की जाएगी। कोयला, लोहा, बिजली आदि सेक्टर के लिए भी 16 जगहों पर ऐसे अधिवेशन किए जाने हैं।
सम्मेलन को इंटक नेता वरुण कुमार ¨सह, श्यामल सरकार, सीटू के सुबोध ¨सह पवार, जवाहरलाल यादव, विश्वनाथ तुरी, भागीरथ शर्मा, नरेश महतो, गोवर्धन रविदास विजय भोइ, चंद्रशेखर झा, पंचानन मंडल, बालगो¨वद मंडल, कृष्णा थापा, झरीलाल हांसदा, एसबी ¨सह दिनकर, प्रदीप विश्वास, प्रसाद महतो, रामेश्वर साव आदि ने भी संबोधित किया।