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किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में एक को मिली 20 वर्ष के कैद की सजा

बोकारो अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो रंजीत कुमार की अदालत ने किशोरी

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 08:18 PM (IST)
किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में एक को मिली 20 वर्ष के कैद की सजा
किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में एक को मिली 20 वर्ष के कैद की सजा

बोकारो : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो रंजीत कुमार की अदालत ने किशोरी को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म करने वाले लालपुर पथरा चंदनकियारी निवासी सरफराज अंसारी को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसे बीस हजार रुपये जुर्माना भी भरने का आदेश अदालत ने दिया है। अपहरण की दो अलग-अलग धाराओं में भी अदालत ने इसे दोषी करार देते हुए पांच व सात वर्ष के कैद की सजा के साथ पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि पीड़ित को देने का आदेश अदालत ने देते हुए सभी सजा सजाएं साथ-साथ चलाने को कहा है।

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इस मामले में अभियोजन का पक्ष अदालत में विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने रखा।कशोरी वर्ष 2018 के 19 जनवरी की सुबह साढ़े चार बजे अपने आवास के बाहर शौच करने जा रही थी। तीन युवक आए और इसका हाथ बांधकर व मुंह दबाकर जबरन एक कार के पास ले गए। कार में बिठाकर युवक किशोरी को ले जाने लगे। कार में ही युवकों ने किशोरी पर स्प्रे किया। स्प्रे करने के बाद वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो उसने अपने आप को एक कमरे में पाई। कमरे में गुलाम व सरफराज नामक दो युवक थे। तीसरे युवक को वह नहीं देख सकी। कमरे में मौजूद दोनों युवकों को वह पहचानती थी। दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वह अचेत हो गई। जब उसे होश आया तो फिर से दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 4 फरवरी को किशोरी को हुगली पश्चिम बंगाल से बरामद किया गया।

पुलिस ने सरफराज को गिरफ्तार कर जेल भेजा और आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया। विचारण के बाद अदालत ने इसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए दस गवाहों की गवाही कराई। बताया कि इस मामले में बाद में तीसरे आरोपित की पहचान भी हो गई। दो अन्य आरोपियों के खिलाफ अभी अदालत में विचारण चल रहा है।

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इन धाराओं में मिली सजा

अदालत ने सरफराज को भादवि की धारा 376 डी में दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कैद की सजा के अलावा 20 हजार रुपये का जुर्माना किया है। भादवि की धारा 363 में दोषी पाते हुए पांच वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना, भादवि की धारा 366ए में दोषी पाते हुए सात वर्ष की कैद व पांच हजार रुपये का जुर्माना अदालत ने किया है।


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