हत्या के मामले में मुजरिम को आजीवन कारावास
अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय जर्नादन सिंह की अदालत ने मुन्ना कुमार वर्मा की हत्या के मामले में मुजरिम वीर रंजन चौहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने हत्यारे को पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, बोकारो: अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय जर्नादन सिंह की अदालत ने मुन्ना कुमार वर्मा की हत्या के मामले में मुजरिम वीर रंजन चौहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने हत्यारे को पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
इस मामले में अदालत में अभियोजन का पक्ष अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने रखा। घटना वर्ष 2013 के 29 नवंबर की शाम साढ़े आठ बजे की है। बताया जाता है कि मुजरिम वीर रंजन चौहान ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस्पात कॉलोनी में मुन्ना को रॉड से पीटकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। मुन्ना के मामा प्रमोद कुमार ने कोर्ट में बताया कि उस समय वे उसी रास्ते से होकर जा रहे थे। उन्होंने कुछ युवकों को मारपीट करते हुए देखा भी, लेकिन यह नहीं देख सके कि वे उनके भांजे को ही पीट रहे थे। सुबह जब परिजन मुन्ना को खोजते हुए उसी जगह पर पहुंचे तो उसका शव पानी भरे एक गड्ढे में मिला।
अभियोजन पक्ष ने कराई सात गवाही, आइओ नहीं पहुंचे: अदालत में अभियोजन का पक्ष रखने वाले अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने बताया कि अभियोजन ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए सात गवाहों की गवाही कराई। सबसे महत्वपूर्ण मृतक के मामा की गवाही रही। मामा ने कहा कि सुबह जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो स्पष्ट हो गया कि सभी मुजरिम उनके भांजे को ही रात में पीट रहे थे। पूरे मामले का अनुसंधान दो पुलिस अफसरों ने किया था, लेकिन दोनों में से कोई भी आइओ अदालत में गवाही देने विचारण के दौरान नहीं आए।
बाकी हत्यारों को भी पकड़े पुलिस: हत्याकांड के शिकायतकर्ता मृतक के मामा प्रमोद कुमार ने कहा कि न्याय की जीत हुई है। बताया कि पूरे मामले में अन्य मुजरिम भी हैं, जिनकी अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस से उन्होंने अनुरोध किया कि बाकी हत्यारों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।