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गुरुद्वारे में दिखा आस्था व श्रद्धा का संगम

बोकारो-चास चास-बोकारो में गुरु नानक देव की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया गया। प्रात

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:17 AM (IST)
गुरुद्वारे में दिखा आस्था व श्रद्धा का संगम
गुरुद्वारे में दिखा आस्था व श्रद्धा का संगम

बोकारो-चास: चास-बोकारो में गुरु नानक देव की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया गया। प्रात:काल सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारा पहुंचे। यहां श्रद्धालुओं ने शबद पाठ, कीर्तन, भजन के माध्यम से गुरु नानक देव की महिमा का बखान किया। दोपहर में श्रद्धालु नगर कीर्तन में शामिल हुए। यहां श्रद्धा व आस्था का संगम दिखा। चास गुरुद्वारा से पंच प्यारे के नेतृत्व में नगर कीर्तन निकाली गई। यहां सेक्टर-2 गुरुद्वारा प्रबंध कमिटी के प्रधान व सदस्यों ने संगत का स्वागत किया। नगर कीर्तन में सबसे आगे पंच प्यारे, फूल मालाओं से सजे वाहनों में गुरु नानक देव जी महाराज के चित्र, कीर्तन मंडली, संगीत मंडली, पुरुष संगत, महिला संगत शामिल थीं।

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---लोगों को गुरु के संदेश से कराया अवगत

सिख समुदाय के लोग नगर कीर्तन में शामिल थे। वे गुरु की महिमा का बखान कर रहे थे। उनकी वाणी को जीवन में उतारने का संदेश दे रहे थे। नगर कीर्तन के स्वागत में जगह-जगह नगरवासी खड़े थे। इस दौरान वातावरण में भक्ति रस का समावेश हो गया।

-सेवा से बढ़कर कोई दूसरा धर्म नहीं

बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर-2 गुरुद्वारा के अध्यक्ष जीएस बिन्द्रा व सचिव सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि गुरुनानक देव जी महाराज सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। कार्तिक पूर्णिमा को गुरुनानक देव जी का जन्म होने के कारण ही सिख धर्म को मानने वाले इस दिन को प्रकाश उत्सव या गुरु पर्व के रूप में मनाते है। सेक्टर दो गुरुद्वारा में रात में गुरुवाणी पाठ किया गया। अंत में लोगों ने लंगर छका--गतका पार्टी के सदस्यों ने हैरतअंगेज करतब दिखाया।

गतका पार्टी के सदस्यों के करतब देख लोग दंग रह गए। बैंड की धुन पर भी लोग थिरक रहे थे। समाजसेवियों ने श्रद्धालुओं की सेवा की। जगह-जगह सेवा शिवर लगाए गए थे। समाजसेवियों ने श्रद्धालुओं को शरबत व शीतल जल पिलाया । साथ ही उनके बीच चना-गुड़़ का वितरण किया।

गुरुद्वारा परिसर में जले 21 हजार दीप

गुटखा उन्मूलन दस्ता की ओर से सेक्टर दो सी गुरुद्वारा परिसर में 21 हजार दीप जलाया गया। अध्यक्ष संतोष वर्णवाल ने कहा कि गुरुनानक ने आपसी प्रेम व भाईचारे का संदेश दिया। लोगों को एकसूत्र में बांधने का प्रयास किया। वे सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।


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