प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 28 को
बेरमो : चंद्रपुरा प्रमुख अनिता गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वो¨टग अब 28 दिसंबर क
बेरमो : चंद्रपुरा प्रमुख अनिता गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वो¨टग अब 28 दिसंबर को होगी। अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट स्थित एसडीएम कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा बीते 24 दिसंबर को होनी थी, लेकिन एसडीएम प्रेमरंजन के मुख्यालय में नहीं रहने के कारण इस सुनवाई की तिथि अब 28 दिसंबर कर दी गई है। अनुमंडल कार्यालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की। बता दें कि इसी माह ही चंद्रपुरा के उपप्रमुख अनिल कुमार महतो, पंसस पूनम पांडेय सहित कई सदस्यों ने चंद्रपुरा बीडीओ को प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आवेदन दिया था। इस आवेदन के आलोक में बीडीओ ने अविश्वास प्रस्ताव के प्रतिवेदन को अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में एसडीएम के पास आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा था। इसपर कानून विदों की राय लेकर एसडीएम रंजन ने इस मामले में चर्चा और वो¨टग के लिए 24 दिसंबर की तिथि तय की थी लेकिन ऐन वक्त पर एसडीएम के नहीं रहने से सुनवाई की तिथि टाल दी गई।
इधर अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ प्रमुख सहित उनके समर्थक एसडीएम कार्यालय पहुंच गए थे। वहीं उभय पक्ष से उपप्रमुख सहित विरोधी खेमा के सभी सदस्य भी अनुमंडल कार्यालय आए थे लेकिन सुनवाई की तिथि आगे बढ़ने पर दोनों पक्षों को वापस जाना पड़ा।
इधर प्रमुख अनिता गुप्ता ने दावा किया है कि उनके पक्ष में 15 सदस्य खड़े हैं। इनमें से 12 सदस्यों की हस्ताक्षर युक्त सूची उन्होंने अनुमंडल प्रशासन को सौंप दी है। सोमवार को अनुमंडल कार्यालय तेनुघाट में प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम रंजन की ओर से विधिवत आदेश जारी किया गया था, परंतु अपरिहार्य कारणों से इसमें बदलाव किया गया। इसकी सूचना चंद्रपुरा के सभी पंचायत समिति सदस्यों को नहीं मिल पाई जिस कारण एसडीएम कार्यालय में सोमवार को गहमागहमी का माहौल रहा। प्रमुख ने अचानक तिथि में बदलाव से प्रशासन की नीयत पर भी सवाल उठाया। प्रमुख ने कहा कि उपप्रमुख महतो एवं पूनम पांडेय ने षड्यंत्र रचकर उनपर अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया है लेकिन वे अपने मंसूबे पर कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।है। बता दें कि 34 सदस्यीय पंचायत समिति में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कम से कम 28 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है वहीं अविश्वास प्रस्ताव खारिज कराने के लिए प्रमुख के पक्ष में 9 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है।