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एसडीओसीएम पर छाया संकट के बादल

भंडारीदह (बेरमो) : सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र के सेलेक्टेड ढोरी ओपेनकास्ट माइंस (एसडीओसीएम) प

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 09:55 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 09:55 PM (IST)
एसडीओसीएम पर छाया संकट के बादल
एसडीओसीएम पर छाया संकट के बादल

भंडारीदह (बेरमो) : सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र के सेलेक्टेड ढोरी ओपेनकास्ट माइंस (एसडीओसीएम) पर इन दिनों संकट के बादल छा गया हैं। यह स्थिति इस माइंस को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) से पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण उत्पन्न हुई है। इस वजह से अब यह माइंस लगभग एक लाख बीस हजार मीट्रिक टन ही कोयला उत्पादन कर सकेगी। अगर एनजीटी से स्वीकृति नहीं मिली, तो यहां कभी भी कोयला उत्पादन ठप हो सकता है। यदि कोयला उत्पादन ठप हुआ तो यहां से लोकल सेल व पावर प्लांटों की कोल ट्रांसपोर्टिंग पूर्णरूप से ठप हो जाएगी, जिसकी मार यहां से चलने वाले ट्रकों व हाइवा डंपरों के ऑनरों को सबसे अधिक नुकसान होने की आशंका है।

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प्रबंधन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनजीटी भुवनेश्वर (ओडिशा) की टीम दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह तक एसडीओसीएम का निरक्षण करेगी। इसके बाद ही कोयला उत्पादन करने की इजाजत मिलने की संभावना है। बता दें कि अगस्त-2018 में भी एनजीटी ने 13 लाख 80 हजार एमटी मीट्रिक टन कोयला उत्पादन की स्वीकृति प्रदान की थी, उसके तहत अब लगभग एक लाख बीस हजार मीट्रिक टन ही कोयला उत्पादन करना शेष रह गया है। वर्जन

कोयला उत्पादन स्वीकृति के लिए एनजीटी भुवनेश्वर की टीम इस माह के अंत तक निरीक्षण के लिए एसडीओसीएम आएगी। अगर इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृति मिलती है तो कोयला उत्पादन नियमित जारी रहेगा।

-एके चौबे, महाप्रबंधक, सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र।


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