दिव्यांग युवाओं की सफल गाथा जानेगी दुनिया
बोकारो बोकारो के दिव्यांग युवाओं ने संघर्ष के बीच हौसले से जीने की राह तलाश की। वे सरक
बोकारो: बोकारो के दिव्यांग युवाओं ने संघर्ष के बीच हौसले से जीने की राह तलाश की। वे सरकार के सहयोग से सुपर मार्केट, बूथ मिल्क व साइबर कैफे के जरिए आíथक रूप से सबल बन रहे हैं। वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर जीवन पथ पर आगे कदम बढ़ा रहे हैं। अब देश-दुनिया के लोग इन दिव्यांग युवाओं की सफलता की गाथा से परिचित होंगे। एनएसडीसी नई दिल्ली व आइपीडीपी की ओर से बोकारो के दिव्यांग युवाओं की तस्वीर व उनकी सफलता से संबंधित होíडंग रांची रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डा पर लगाई जाएगी। इसके लिए इनकी फोटो शूट की गई है। विभाग की ओर से इनकी सफलता से संबंधित जानकारी भी हासिल की जा रही है।
सकारात्मक सोच ने बदल दी ¨जदगी
बोकारो के 51 दिव्यांग युवाओं ने जब इंटर व स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी कर ली तो उनके समक्ष रोजगार की समस्या खड़ी हो गई। उन्होंने सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में रोजगार के लिए प्रयास किया, लेकिन उनके हाथ असफलता लगी। ऐसे समय में आशा लता केन्द्र के निदेशक भवानी शंकर ने उनका कुशल मार्गदर्शन किया। उन्होंने दिव्यांग युवाओं को स्वयंसेवी समूह का गठन करने का सुझाव दिया। इसके माध्यम से सामूहिक रुप से काम करने के लिए प्रेरित किया। उनके कुशल मार्गदर्शन में 2009 में 51 दिव्यांग युवाओं ने आशा लता दिव्यांग विकास सहयोग समिति का गठन किया।
आशा लता केन्द्र परिसर में मिल्क बूथ खोला गया। यहां दिव्यांग विद्याíथयों ने डेयरी उत्पाद की बिक्री शुरू की। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें बिहार-झारखंड का बेस्ट सेलर अवार्ड दिया गया। इससे उनका हौसला बढ़ा। इसके बाद उन्होंने सुपर मार्केट व साइबर कैफे खोलने की योजना बनाई। इसके लिए सरकार से सहायता के लिए आवेदन दिया। एनसीडीसी व झारखंड सरकार की ओर से इन्हें सुपर मार्केट व साइबर कैफे खोलने के लिए 27 लाख रुपये दिए गए। दिव्यांग युवाओं ने अक्टूबर 2018 में आशालता केन्द्र परिसर में ही सुपर मार्केट व साइबर कैफे खोला। इसके माध्यम से इनके जीवन की गाड़ी चल रही है। कल तक कई लोग इन्हें काम के लायक नहीं समझते थे, लेकिन आज अपने कठिन परिश्रम की बदौलत दिव्यांग युवा सुपर मार्केट, मिल्क बूथ व साइबर कैफे के मालिक बन गए हैं। सकारात्मक सोच से दिव्यांग युवाओं की ¨जदगी बदल दी।
लोगों को मिल रहा सहयोग
दिव्यांग युवा धर्मेन्द्र कुमार, जवाहर लाल गोप, दिनेश कुमार, राकेश कुमार, सत्यनारायण पांडेय, दिलीप मेहरा व अशोक कुमार सुपर मार्केट, मिल्क बूथ व साइबर कैफे का संचालन करते हैं। इन्हें हर माह चार से साढ़े चार हजार रुपए मासिक मानदेय के रुप में दिया जाता है। समिति के अन्य सदस्यों को वाíषक लाभांश दिया जाएगा। दिव्यांग युवाओं को लोगों का भी सहयोग मिलता है।
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वर्जन
सहकारिता विभाग के सहयोग से सुपर मार्केट, साइबर कैफे व मिल्क बूथ खोला गया है। आशालता दिव्यांग विकास सहयोग समिति की ओर से इसका संचालन किया जा रहा है। सात दिव्यांग युवा कर्मी के रूप में कार्यरत हैं। इन्हें प्रत्येक माह चार से साढ़े चार हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। एनसीडीसी नई दिल्ली व आइपीडीपी बोकारो की ओर से समिति के सदस्यों का फोटो शूट कराया गया है। विभाग की ओर से रांची रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डा पर इसे लगाया जाएगा।
धर्मेन्द्र कुमार, अध्यक्ष, आशा लता दिव्यांग विकास सहयोग समिति