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करमा से होती झारखंडी संस्कृति की पहचान

चास: चास में विभिन्न संगठनों के तत्वाधान में धूमधाम से करम जावा महोत्सव मनाया गया। तेलीडीह बस्ती

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 08:46 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 08:46 PM (IST)
करमा से होती झारखंडी संस्कृति की पहचान
करमा से होती झारखंडी संस्कृति की पहचान

चास: चास में विभिन्न संगठनों के तत्वाधान में धूमधाम से करम जावा महोत्सव मनाया गया। तेलीडीह बस्ती में आजसू पार्टी की ओर से करम महोत्सव मनाया गया। नगर अध्यक्ष अशोक महतो ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि करमा झारखंडी संस्कृति की पहचान है। प्राकृति पर आधारित पूजा करमा का झारखंड की संस्कृति में विशेष महत्व है। इस दौरान करम नृत्य अखाड़ा के चारों ओर किया गया। इस मौके पर नमिता कुमारी, संतोषी कुमारी, पूजा कुमारी, सुचित्रा कुमारी, सरिता कुमारी, पूनम कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, संजू कुमारी, संगीता कुमारी, सुमन कुमारी, सीमा कुमारी, गीता कुमारी, खुशबू कुमारी, मंजू कुमारी, रूपा कुमारी आदि उपस्थित थे। वहीं बांधगोड़ा साइड नेताजी सुभाष चौक में करम जावा महोत्सव का आयोजन किया गया। समाजसेवी लालदेव गोप ने महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि करमा भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। करमा झारखंडी के संस्कृति की धरोहर है। यह पर्व प्रकृति के संरक्षण का संदेश भी देता है। करमा को बढ़ावा देने की जरूरत है। इस मौके पर पूजा कुमारी, प्रीति कुमारी, बबिता कुमारी, अर्चना कुमारी, कुंती देवी, सुलोचना देवी, हेमा देवी, सुभद्रा देवी, गीता देवी, आशा देवी, पार्वती देवी आदि उपस्थित थे।

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