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बच्चों को सेना के जवानों से प्रेरणा लेने की जरूरत

करगली/तेलो (बेरमो) : 16 दिसंबर 1971 को युद्ध समाप्त कराकर पाकिस्तानी फौजियों को घुटने टे

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Dec 2017 09:25 PM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2017 09:25 PM (IST)
बच्चों को सेना के जवानों से प्रेरणा लेने की जरूरत
बच्चों को सेना के जवानों से प्रेरणा लेने की जरूरत

करगली/तेलो (बेरमो) : 16 दिसंबर 1971 को युद्ध समाप्त कराकर पाकिस्तानी फौजियों को घुटने टेकने वाली भारतीय सेना के जवानों की शौर्यगाथा का उल्लेख करने के लिए शनिवार को कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन ढोरी, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ढोरी एवं तेलो में विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ढोरी में आयोजित समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में सूबेदार आनंद कुमार पांडेय, विशिष्ट अतिथि हवलदार हामिद अंसारी व गिरिजा साव ने दीप जलाकर किया। छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। मेजर पांडेय ने कहा कि 1971 में हुई जंग विश्व के लिए एक उदाहरण है। उसमें भारतीय सेना के पराक्रम को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। कहा कि देश के असंख्य सैनिकों ने शहादत देकर राष्ट्रध्वज तिरंगे की आन, बान व शान को बरकरार रखा। कहा कि अन्याय के विरुद्ध लड़ना भी सैन्य धर्म है। देश में अमन-चैन बना रहे और लोग सुकून से रहें, इसके लिए देश के वीर जवान सरहद पर दिन-रात चौकसी में लगे रहते हैं। जरूरत पड़ने पर सेना के जवान देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते हैं।

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हवलदार अंसारी व साव ने कहा कि 1971 की जंग को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उस युद्ध में भारत के वीर जवानों ने दिखा दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं। जब-जब जरूरत पड़ी है, देश की सुरक्षा के लिए सेना के जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। कहा कि आज विजय दिवस मनाया जाना, सभी भारतवासियों के लिए एक अत्यंत गौरवमयी है। आज ही दिन भारत ने युद्ध में पाकिस्तान पर बहुत बड़ी विजय हासिल की थी। वह लड़ाई 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 तक चली थी। विद्यालय के अध्यक्ष अशोक कुमार ¨सह व सचिव दीपक कुमार अग्रवाल ने कहा कि देश की रक्षा के लिए शहीद हुए सैनिकों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य अनिल कुमार ¨सह ने किया। मौके पर राधामोहन प्रसाद, मुक्तिनाथ ¨सह, नवीन मोहन, प्रमेंद्र मिश्रा, सुनील कुमार, शशि ¨सह, रेणु ¨सह, रेणु प्रसाद, गुंजा मिश्रा, रूख्सार फिरदौस, ए ¨सह, शिल्पा मिश्रा, प्रिया ¨सह, तनु तुलिका, प्रिया कुमारी, सुमन कुमारी, सोनिया अंबष्ठ आदि शिक्षक-शिक्षिका उपस्थित थे।

स्कूल की छात्रा नफीसा निशा व सन्नू ने लेफ्टिनेंट जगजीत ¨सह अरोड़ा एवं अलबर्ट एक्का की वीरता की गाथा सुनाते हुए पाकिस्तान से युद्ध के बाद बांग्लादेश बनने के बारे में बताया। धन्यवाद ज्ञापन आचार्य धनंजय प्रसाद ने किया। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तेलो में भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर विजय गीत प्रस्तुत किया गया। विद्यालय प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष रोहनलाल महतो ने कहा कि बच्चों को सेना के वीर जवानों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। प्रधानाचार्य विपिन कुमार दास ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 को भारत को पाकिस्तान के मुकाबले विजय की प्राप्ति हुई थी। उस युद्ध के दौरान काफी संख्या में भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, उन सभी को नमन। मौके पर विजेंद्र कुमार शर्मा, मनोज कुमार, अश्विनी कुमार, संजय गिरि, इंद्रजीत झा आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।


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