उपभोक्ताओं को रुला रही बीएसएनएल की सेवा
सुदूर गांवों में बीएसएनएल के कई टावर बंद हैं। कहीं तकनीकी समस्या है तो कहीं संसाधनों की कमी।
बेरमो : बेरमो कोयलांचल के मोबाइल उपभोक्ताओं को बीएसएनएल की सेवा रास नहीं आ रही है। कई उपभोक्ता बीएसएनएल सेवा से तंग आकर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरी कंपनियों की संचार सेवाओं से काम चला रहे हैं। बीते एक माह से यहां बीएसएनएल मोबाइल डेड है। इंटक के प्रदेश सचिव महेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से बीएसएनएल की सेवा बदतर हो गई है।
बेरमो-फुसरो में बीएसएनएल मोबाइल से कहीं बात करना मुश्किल है। बताया कि बीएसएनएल सेवा पूर्व में जितनी अच्छी थी, अब उतरी की खराब हो गई है। सुदूर गांवों में बीएसएनएल के कई टावर बंद हैं। कहीं तकनीकी समस्या है तो कहीं संसाधनों की कमी। यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है। सरकारी स्तर पर बीएसएनएल उपेक्षित हो गया है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उपभोक्ताओं की शिकायत को भी दूरसंचार अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते। नेटवर्क फेल होने की शिकायत पर जब भी एक्सचेंज से संपर्क करने की कोशिश की जाती है तो वहां तैनात ऑपरेटर उपभोक्ताओं को तकनीकी समस्या की बात बता कर पल्लू झाड़ते हैं।
बदतर सेवा के कारण यहां बीएसएनएल के लैंड लाइन उपभोक्ताओं ने अपने टेलीफोन सेट विभाग को सरेंडर कर दिए हैं। पिछले एक पखवारा से बेरमो और इसके आसपास के क्षेत्रों में बीएसएनएल सिम काम नहीं कर रहा है। अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में दूरसंचार सेवाओं का तो और भी बुरा हाल है। प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के अलावा तेनुघाट में न्यायिक पदाधिकारियों का भी निवास स्थान है।
प्रतिकूल मौसम में तकनीकी समस्या के कारण ऐसी परेशानी होती है। बीएसएनएल की ओर से ग्रामीण उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए सुदूर क्षेत्रों में टावर स्थापित किए गए हैं। इससे ग्राहकों की संख्या भी बढ़ी है। बीएसएनएल सेवा को फास्टेस्ट सेवा के रूप में स्थापित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा।
- अशोक पंडित, एसडीओ, बीएसएनएल, बेरमो।