भोजपुरी भाषा को दी जाए संवैधानिक दर्जा
बेरमो भोजपुरी समाज के लोगों ने मंगलवार को कुरपनिया स्थित सामुदायिक भवन परिसर में बैठक क
बेरमो : भोजपुरी समाज के लोगों ने मंगलवार को कुरपनिया स्थित सामुदायिक भवन परिसर में बैठक की। इस दौरान भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग केंद्र सरकार से की गई।
भोजपुरी समाज के झारखंड प्रदेश संयोजक लाखन सिंह ने कहा कि भोजपुरी एक ऐसी भाषा है, जो अपने देश भारत सहित विदेशों में भी बोली जाती है। इसके आधार पर यह अंतरराष्ट्रीय भाषा है। मॉरिशस एवं नेपाल में भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा में शामिल किया जा चुका है, लेकिन यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि अपने देश भारत में भोजपुरी की मान्यता की खातिर लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। मान्यता के पक्ष में सहमति बनने के बावजूद भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए अबतक संसद में विधेयक नहीं लाया गया। जबकि वर्ष-2000 में ही संविधान संशोधन बिल-06 संसद में पेश किया गया था। साथ ही भोजपुरी क्षेत्र के कई मंत्री व सांसदों ने इस मामले को संसद में उठाया था। फिर भी अबतक नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। यहां उपस्थित लोगों ने समाज के लोगों को एकजुट कर भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन करने का निर्णय लिया। साथ ही संगठन की मजबूती एवं विस्तार के साथ ही युवा वर्ग के लोगों को कमेटी में शामिल करने पर सहमति जताई। बैठक के अंत में शोक व्यक्त कर भोजपुरी समाज के दिवंगत सदस्य बोकारो थर्मल निवासी रामबहादुर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक का संचालन सत्यनारायण चौधरी ने किया। मौके पर मुख्य रूप से भोजपुरी कला मंच के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार ओझा सहित शिवशंकर दुबे, विनोद सिंह, रिकू सिंह, राजेश दुबे, राजीव रंजन सिंह, रवि रंजन, जलेश्वर ठाकुर, कमलेश सिंह, राकेश यादव, अजय रवानी आदि उपस्थित थे।