Move to Jagran APP

डीआर एंड आरडी से संवर जाएगी बेरमो की तकदीर

बेरमो विधानसभा क्षेत्र के लिए तीन दशक से बंद पड़ी डीआर एंड आरडी यानी दामोदर नदी व रेल विपथन परियोजना एक बड़ा मुद्दा है। सीसीएल की उस महत्वाकांक्षी परियोजना के

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:42 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:42 PM (IST)
डीआर एंड आरडी से संवर जाएगी बेरमो की तकदीर
डीआर एंड आरडी से संवर जाएगी बेरमो की तकदीर

जागरण संवाददाता, बेरमो :

loksabha election banner

बेरमो विधानसभा क्षेत्र के लिए तीन दशक से बंद पड़ी डीआर एंड आरडी यानी दामोदर नदी व रेल विपथन परियोजना एक बड़ा मुद्दा है। सीसीएल की उस महत्वाकांक्षी परियोजना के चालू हो जाने से बेरमो कोयलांचल की तकदीर संवर जाएगी। साथ ही देश को 1415 मिलियन टन प्राइम कोकिग कोल मिलेगा और राज्य सरकार को अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। यह परियोजना चालू हो जाने से देश के विद्युत संयत्रों सहित अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठान, जो कोयले की कमी का दंश झेल रहे हैं, उन सबको भरपूर मात्रा में कोयला मिलने लगेगा। सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र अंतर्गत यह परियोजना वर्ष-1982 में शुरू की गई, लेकिन पांच वर्षों तक महज आधारभूत संरचनाओं के कार्य होने के दौरान अधिग्रहीत भूमि के रैयतों के आंदोलनों के कारण वर्ष-1987 में ऐसी लटकी कि अबतक चालू नहीं हो पाई। 9000 एकड़ जमीन किया गया अधिग्रहण : सीसीएल प्रबंधन ने डीआर एंड आरडी परियोजना के लिए बेरमो कोयलांचल के चलकरी, झूंझको, खेतको, जरीडीह बस्ती, घुटियाटांड़, अंगवाली आदि गांवों की करीब 9000 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया था। उसमें करीब 5000 एकड़ वनभूमि व सरकारी गैरमजरुआ जमीन है, शेष 4000 एकड़ स्थानीय रैयतों की कृषि योग्य जमीन शामिल है। वर्ष 1982 में जब परियोजना की शुरुआत हुई थी, तब कुल 632 रैयतों को सीसीएल ने आरआर पॉलिसी के तहत नियोजन व मुआवजा दिया था। उनमें से कई अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो कई सेवानिवृत्त के कगार पर हैं। जबकि 1400 रैयत नियोजन व मुआवजा का दावा अबतक कर रहे हैं, जिनके आवेदन सीसीएल के कार्यालय में धूल फांक रहे हैं। तीन फेज में की गई थी जमीन अधिग्रहीत : डीआर एंड आरडी परियोजना के लिए सीसीएल की ओर से तीन फेज में चलकरी, झूंझको, खेतको, अंगवाली आदि गांव की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। फेज एक में 1060 एकड़, फेज दो में 3610 एकड़ और फेज तीन में 4269 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया था। उस भूखंड तले कोयले का अकूत भंडार पड़ा है, जिसकी निकासी किए जाने से यह परियोजना अगले सौ साल तक सीसीएल के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। नदी की धारा व रेललाइन मोड़ने की योजना : इस परियोजना के तहत गोमो-बरकाकाना रेल खंड को तीन हजार 355 मीटर मोड़ना था। फुसरो रेलवे स्टेशन से अमलो हॉल्ट के समीप पुराना बीडीओ ऑफिस रेलवे फाटक की रेललाइन को मोड़कर घुटियाटांड़ बस्ती व जरीडीह बाजार से होते हुए जारंगडीह स्टेशन के क्रॉसिग में मिलाना था। साथ ही जारंगडीह स्टेशन को स्थानांतरित कर जरीडीह बस्ती में और बेरमो स्टेशन को घुटियाटांड़ में स्थापित करना था। वहीं, दामोदर नदी की धारा को जरीडीह बस्ती के समीप खेतको से मोड़कर घुटियाटांड़ स्थित कदमाडीह के पास वापस नदी में मिलाना था। इसके अलावा करगली वाशरी, करगली फिल्टर प्लांट, रामविलास उच्च विद्यालय व सीसीएल की कई कॉलोनियों को भी अंयत्र शिफ्ट करना था, ताकि उसके भूगर्भ में पड़े बेशकीमती प्राइम कोकिग कोल के भंडार को निकाला जा सके। वर्जन

डीआर एंड आरडी सीसीएल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। तमाम अड़चनों को दूर कर परियोजना को चालू करने को प्रबंधन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में कोयला मंत्रालय को पूर्व में ही सीएमपीडीआइ के माध्यम से प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

एमके राव, जीएम, सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.