वामपंथी नेताओं ने किया किसानों के आंदोलन का समर्थन
आंदोलनकारी किसानों पर आंसू गैस व रबर की गोली बरसाई जा रही है। केंद्र सरकार अविलंब तीनों किसान विरोधी कृषि कानून को रद करे और श्रम कोड को भी निरस्त कर पूर्व के 44 श्रम कानूनों को बहाल करे।
करगली/बोकारो थर्मल (बेरमो) : बेरमो के वामपंथी नेताओं ने गुरुवार को किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। फुसरो बाजार क्षेत्र में पैदल मार्च करते हुए स्थानीय निर्मल महतो चौक में सभा की।
श्रमिक संगठन एटक से संबद्ध युनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन एवं अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले पुराना बीडीओ ऑफिस से प्रतिरोध मार्च करते हुए दर्जनों लोग फुसरो बाजार होते हुए निर्मल महतो चौक पहुंचे, जहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एटक नेता लाखनलाल महतो ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानून को वापस कराने के लिए हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी किसानों पर आंसू गैस व रबर की गोली बरसाई जा रही है। केंद्र सरकार अविलंब तीनों किसान विरोधी कृषि कानून को रद करे और श्रम कोड को भी निरस्त कर पूर्व के 44 श्रम कानूनों को बहाल करे। भाकपा नेता सुजीत कुमार घोष ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानून के नाम पर काला कानून बनाकर कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों के हाथों सौंपने की साजिश कर रही है। अनाजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त कर किसानों को कंगाल बनाने का प्रपंच किया जा रहा है, ताकि किसान अपनी जमीन पूंजीपतियों को सौंप दें। मौके पर चंद्रशेखर झा, गणेश प्रसाद महतो, जवाहरलाल यादव, रामेश्वर साव, नवीन विश्वकर्मा, रंजीत महतो, पंचानन महतो, यूसुफ अंसारी, बैजनाथ महतो, दिवाकर महतो, महेंद्र मुंडा, भीम महतो, सुरेश प्रसाद शर्मा, विश्वनाथ महतो, रामदास केवट, विनोद कुमार झा, बलराम नायक, अशोक कुमार झा, देवाशीष रजवार, गुलाब महतो, जितेंद्र दुबे, खेमलाल महतो, अमृत महतो पुराण महतो आदि मौजूद थे। पांच दिसंबर को प्रखंड स्तर पर होगा विरोध प्रदर्शन
बोकारो थर्मल में अखिल भारतीय किसान मोर्चा की ओर से किसान विरोधी कानून के विरोध में सीपीएम बेरमो लोकल कमेटी के त्वावधान में गुरुवार को तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंजू देवी ने की। सीपीएम नेता भागीरथ शर्मा ने कहा कि किसानों के आंदोलन के समर्थन में वामपंथी पार्टियों की ओर से पूरे झारखंड में पांच दिसंबर को प्रखंड स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बाद नौ दिसंबर को मशाल जुलूस निकालकर 10 दिसंबर को झारखंड बंद किया जाएगा।