मालदा के 45 पंचायत प्रतिनिधि तृणमूल कांग्रेस के खौफ से भागकर बोकारो पहुंचे
निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में मुनी मोहन विश्वास ने बताया कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र है, इस पर विश्वास ही नहीं किया जा सकता।
जागरण संवाददाता, बोकारो। पश्चिम बंगाल के मालदा बामगोला प्रखंड से निर्वाचित 45 पंचायत प्रतिनिधि जान बचाने के लिए बोकारो के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सेक्टर 8 में शरण लिए हुए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों में 22 महिलाएं हैं। इनमें से कई अपने छोटे बच्चों के साथ पहुंची हैं। निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में मुनी मोहन विश्वास ने बताया कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र है, इस पर विश्वास ही नहीं किया जा सकता। देश की सरकार कुछ नहीं कर रही। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजशाही की प्रतीक बन चुकी हैं। शपथ ग्रहण से पहले पुलिस आकर धमकी देती है कि या तो कैश लेकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाओ या केस में फंसाकर जेल भेज देंगे।
तृणमूल के कार्यकर्ता सरेआम महिलाओं व बच्चों को धमकी दे रहे हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों में शामिल सेमल हेम्ब्रम का कहना है कि देश में आदिवासियों को बचाने व सहायता करने की बात हो रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक अत्याचार आदिवासियों पर हो रहा है। उनके साथ छह निर्वाचित आदिवासी प्रतिनिधि शामिल हैं। बताया कि मालदा के बामनगोला प्रखंड की 102 सीटों में से 44 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है। इस वजह से उनके साथ यह अत्याचार हो रहा है।
इस वर्ष खेती-बाड़ी छोड़कर इधर-उधर शरण लिए हुए हैं। पहले तो नामांकन के लिए रोका गया। इसके बाद जीत मिलने पर धमकी दी जा रही है। टीएमसी कार्यकर्ताओं के इशारे पर पुलिस प्रशासन काम कर रहा है। डीएम व एसपी से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कब जान चली जाएगी यह नहीं पता। अगस्त के प्रथम सप्ताह में शपथ ग्रहण है, इसके बाद उनके साथ क्या होगा यह भी उन्हें पता नहीं।