प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला, किसी ने नहीं की मदद
संवाद सहयोगी पौनी एक तरफ शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस था वहीं गर्भवती महिला की मद
संवाद सहयोगी, पौनी : एक तरफ शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस था वहीं गर्भवती महिला की मदद के लिए एक भी महिला आगे नहीं आई। प्रसव पीड़ा से कराहती महिला के पास यूं तो कई महिलाएं खड़ी थीं मगर वह केवल मूक दर्शक बनी रही। स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिलने पर जच्चा और बच्चा दोनों को एंबुलेंस में प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी पहुंचाया गया जहां वे दोनों स्वस्थ हैं।
घटना शुक्रवार सुबह की है। पौनी भांवला मार्ग के गरन क्षेत्र में सड़क किनारे एक प्रवासी महिला प्रसव पीड़ा में थी जो कि अकेली ती। करीब दो घंटे तक वह प्रसव पीड़ा झेलती और कराहती रही। आस-पास के लोग महिला के पास आते, मगर उसे देखकर वापिस चले जाएं। इतना ही नहीं गरन गांव की कुछ महिलाएं भी बीमार महिला के पास आई मगर उसे प्रसव पीड़ा में देखकर मदद करने के बजाय उसे अकेला छोड़कर चली गईं। बाद में महिला ने खुले में ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। इसकी सूचना प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी को मिली जिसके बाद वहां से एंबुलेंस भेज कर महिला व उसके बच्चे को अस्पताल लाया गया।
पीएचसी के डॉक्टर पूर्ण चंद ने बताया जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। महिला का उपचार किया जा रहा है, लेकिन महिला के साथ कोई न होने के कारण पुलिस को सूचित किया गया है। पौनी पुलिस ने अस्पताल में पहुंचकर महिला से बात करना की कोशिश की, लेकिन उसकी भाषा समझ न आने पर कस्बे में उसी भाषा में बोलने वाले व्यक्ति को लाया गया। इसके बाद महिला ने अपना नाम राधिका पत्नी बिजली मांजी और पिता का नाम खूब लाल, बहन का नाम आशा देवी बताया है। महिला को उसके घर के बारे में पूछने पर उसने और कोई भी जानकारी नहीं दी। महिला कहां से यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।