अब एलईडी पर ही हो पाएंगे सियाड़ बाबा और झरने के दर्शन, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
जहां आने वाले लोग नहाने का आनंद उठा सकें इसके लिए इस स्थान पर बहने वाली छोटी सी नदी में नहाने का अस्थाई तौर पर एक स्थान बनाया गया है।
राजेश डोगरा, रियासी: धार्मिक स्थल सियाड़ बाबा के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु अब सुरक्षित स्थान पर एलईडी के जरिए ही देवस्थान के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। गौर हो कि रियासी के धार्मिक स्थल सियाड़ बाबा में बीते वर्ष जुलाई माह में हुए हादसे जैसी घटना घटित हुई थी। रियासी जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर सियाड़ बाबा का मुख्य धार्मिक स्थल है।
तीन तरफ ऊंची व हरी-भरी पहाड़ियों से घिरे इस स्थान की पूर्व दिशा में चिनाब दरिया बहता है। इस स्थान की मनोरम छटा देखते ही बनती है। इस स्थान का मुख्य आकर्षण ऊंची पहाड़ी से कल कल कर नीचे गिरता दूधिया जल का झरना है, जिसे देखकर यहां आने वाला हर कोई यहां की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ किए बिना नहीं रहता। नीचे गिरते झरने की ठंडी फुहार झुलसा देने वाली गर्मी में भी राहत दिलाती है। यही वजह है कि विशेषकर गर्मी के मौसम में स्थानीय लोगों का यहां दिनभर जमावड़ा लगा रहता है।
इसके अलावा श्री वैष्णो माता और शिवखोड़ी श्रद्धालु भी इस स्थान पर खींचे चले आते हैं। सियाड़ बाबा स्थान पर लोग सच्चे मन से आते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में कई लोग इसे पिकनिक का स्थान मानकर जहां फूहड़ता करने लगे, जिसके कारण यहां की अलौकिक शक्ति का कोप गिरने में भी देर नहीं लगी। बीते वर्ष जुलाई माह में दोपहर का समय था, जब काफी संख्या में लोग सियाड़ बाबा झरने के नीचे नहा रहे थे कि झरने की पहाड़ी पर से अचानक काफी मलबा और पत्थर नीचे गिरने लगे, जिसकी चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो गई तो कई लोग घायल हो गए। उक्त घटना के बाद जिला प्रशासन ने सियाड़ बाबा झरने के नीचे तथा उससे सटे देवस्थान पर लोगों के जाने पर रोक लगा दी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए वहां चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही पुलिस के जवान भी निगरानी करते हैं।
उक्त हादसे को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन ने एलईडी के माध्यम से यहां आने वाले लोगों को देवस्थान के दर्शन करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए देवस्थान पर कैमरे लगाए जाएंगे जोकि देवस्थान की लाइव तस्वीर सुरक्षित स्थान पर लगाए जाने वाली एलईडी में प्रसारित करेंगे। इससे यहां आने वाले लोग बिना कोई जोखिम उठाए देवस्थान के दर्शन कर सकेंगे। बहरहाल, बीते वर्ष जुलाई माह की घटना के बाद से सियाड़ बाबा झरने के नीचे नहाने पर रोक लगाई दी गई है। लेकिन जहां आने वाले लोग नहाने का आनंद उठा सकें इसके लिए इस स्थान पर बहने वाली छोटी सी नदी में नहाने का अस्थाई तौर पर एक स्थान बनाया गया है। यहां हर वर्ग के लोग विशेषकर बच्चे नहाने का खूब आनंद उठाते हैं।
निसंतान दंपति पहुंचते हैं औलाद सुख पाने इस स्थान के बारे में यहां के महात्मा 94 वर्षीय गिरवर दास त्यागी बताते हैं कि प्राचीन समय में जहां सियाड़ बाबा नाम के महात्मा साधना में लीन रहते थे। इसी स्थान पर एक नाग देवता का भी निवास था। एक दिन नाग देवता भूख प्यास से व्याकुल हो गए। यह देख कर सियाड़ बाबा ने अपनी शक्ति से ऊंची पहाड़ी पर से दूध का झरना प्रकट कर दिया। उस दूध से नाग देवता ने बाद की परिस्थितियों में दूध का वह झरना पानी के झरने में बदल गया। महात्मा गिरवर दास बताते हैं कि बंगाल में भी पानी की काफी तंगी थी। बंगाल के कुछ विद्वानों का मानना था कि यदि सियाड़ बाबा निवास करने वाले नाग देवता को वश में कर किसी तरह बंगाल ले जाए तो बंगाल में पानी की कमी दूर हो सकती है। उसके बाद बंगाल के कुछ विद्वान यहां पहुंचे और अपनी विद्या के बल पर नाग देवता को बंगाल ले गए, लेकिन उसके बावजूद अभी भी इस स्थान पर सियाड़ बाबा और नाग देवता की कृपा बनी हुई है। वैसे तो यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है, लेकिन मान्यता है कि निसंतान दंपति अगर सियाड़ बाबा झरने में स्नान कर मन्नत मांगे तो उन्हें औलाद सुख जरूर प्राप्त होता है।
- सियाड़ बाबा स्थान पर आने वाले लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन की है। लोगों की आस्था व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही यहां एलईडी के माध्यम से यहां के देवस्थान के दर्शन करवाने की योजना पर काम किया जा रहा है। - इंदु कंवल चिब, डीसी, रियासी