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लावारिस मवेशियों से मुक्ति दिलाने के लिए हरकत में आई नप

जागरण संवाददाता ऊधमपुर शहर में लावारिस मवेशियों की समस्या को हल करने के लिए नगर पि

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 12:20 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 12:20 AM (IST)
लावारिस मवेशियों से मुक्ति दिलाने के लिए हरकत में आई नप
लावारिस मवेशियों से मुक्ति दिलाने के लिए हरकत में आई नप

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर: शहर में लावारिस मवेशियों की समस्या को हल करने के लिए नगर परिषद ने प्रयास शुरु कर दिए हैं। इसके मद्देनजर मंगलवार को शहर में बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों को पकड़ कर जब्त किया गया। इन सभी को नप दफ्तर के साथ बने कैटल पांड में रखा गया है। इसके साथ ही नप ने कैटल पांड के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव बना कर भेजा है। मंजूर होते ही इसका काम शुरु करा दिया जाएगा।

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ऊधमपुर में लावारिस मवेशी अर्से से लोगों की परेशानी का बड़ सबब बने हुए हैं। लोगो अपने मवेशियों से काम और दूध लेने के बाद उनको खुला छोड़ देते हैं। जिसके बाद यह मवेशी कचरे के ढेरों पर और आसपास घूमते रहते हैं। अचानक सड़कों पर आकर यह न केवल जाम बल्कि कई बार हादसों की वजह बनते हैं। इसी तरह यह शहर के बाजार में दुकानदारों का सामान खा कर नुकसान करते हैं।

इस समस्या से परेशान लोग नगर परिषद और जिला प्रशासन से इस समस्या को हल करन के लिए मांग करते आ रहे थे। मगर कैटल पांड की हालत जर्जर होने की वजह नगर परिषद इसे संचालित नहीं कर पा रही थी। मगर लोगों की मांग और प्रशासन के निर्देशों के चलते नगर परिषद ने शहर को लावारिस मवेशियों की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कार्रवाई शुरु कर दी है। नगर परिषद के अधिकारियों की निगरानी में कर्मचारियों ने मंगलवार को लावारिस मवेशियों की धरपकड़ के लिए कार्रवाई शुरु की। इसके तहत नप की टीम ने धार रोड़ पर स्थित आईसीआईसीआई बैंक के पास से लेकर मवेशियों को पकड़ा। तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा मवेशियों को पकड़ा। इन सभी मवेशियों को पकड़ कर कैटल पांड में रखा गया है। नप कर्मियों ने बताया कि मवेशियों के चारे और पानी की व्यवस्था कर दी गई है। जुर्माना वसूलने के बाद मवेशयों को मुक्त किया जाएगा। जब्त पालतू गाय के लिए प्रतिदिन पांच सौ रुपये जुर्माना निर्धारित किया गया है। जबकि घोड़ों व खच्चर के लिए प्रतिदिन एक हजार रुपये जुर्माना रखा गया है।

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भेजा गया है कैटल पांड के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव

कैटल पांड की हालत जर्जर होने की वजह से इसे नप न तो खुद संचालित कर रही थी। पहले इसे ठेके पर दिया जाता था, मगर सुविधाएं न होने की वजह से इसे ठेके पर लेने के लिए कोई भी आगे नहीं आता था। जिसके चलते नप ने कैटल पांड की बोली कई सालों से नहीं कराई। जिस पजह से लावारिस मवेशियों की समस्या बढ़ती जा रही है। मगर अब इस समस्या के स्थायी समधान के लिए नप ने कमर कस ली है। नप के सीईओ संतोष कोतवाल ने बताया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले नप ने कैटल पांड के जीर्णोद्धार के लिए तकरीनब साढ़े चार लाख रुपये का प्रस्ताव बना कर मंजूरी के लिए भेजा है। स्थानीय निकाय निदेशक से इस बारे में बात भी हुई है। आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी मिलते ही टेंडर प्रक्रिया करवा कर डेढ़ दो माह में कैटल पांड का जीर्णोद्धार कर दिया जाएगा। जिसमें फर्श को पक्का करने के साथ मवेशियों के पानी के लिए उचित व्यवस्था के शेड की व्यवस्था की जाएगी। पहले नप इसे खुद संचालित करेगी और बाद में ठेके पर देगी।


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