Move to Jagran APP

जरबेरा और गुलाब प्रजाति के फूलों के लिए दो बड़े पालीहाउस स्थापित

उन्होंने कहा कि यह पहल सामाजिक-आर्थिक उत्थान की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी। डीसी ने जिले में फ्लोरीकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए फ्लोरीकल्चर विभाग द्वारा उठाए गए इस अभिनव कदम की सराहना की। इस तरह की खेती कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

By Edited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 07:44 AM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 08:08 AM (IST)
जरबेरा और गुलाब प्रजाति के फूलों के लिए दो बड़े पालीहाउस स्थापित
डीसी ने फ्लोरीकल्चर विभाग की इस अनूठी पहल की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की।

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जिले में पहली बार गुलाब और जरबेरा प्रजाति के फूलों की खेती के लिए कावा पंचायत में दो बड़े पाली हाउस स्थापित किए गए हैं। डीसी इंदु कंवल चिब ने ब्लाक के साथ-साथ खंड विकास परिषद के अध्यक्ष बलवान सिंह और डीडीसी सदस्य पूर्ण चंद के साथ जिला ऊधमपुर की पंचायत कावा का दौरा कर दोनों नव स्थापित पाली हाउसों का निरीक्षण किया।

loksabha election banner

इस अवसर पर सहायक फ्लोरीकल्चर आफिसर ऊधमपुर अर्जुन सिंह परिहार ने डीसी को बताया कि इन पाली हाउसों का निर्माण वेदांती राजपूत ने फ्लोरीकल्चर गार्डन एंड पा‌र्क्स जम्मू के माध्यम से 1953 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया है। ऊधमपुर जिले में यह पहली बार है जब गुलाब और जरबेरा के फूलों की खेती के लिए इस तरह के बड़े पाली हाउस लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में कट फ्लावर की मांग का 75 फीसद जम्मू कश्मीर प्रदेश से बाहर स्थित राज्यों से मंगवाया जाता है। इन पाली हाउसों के स्थापित करने की तकनीकी जानकारी फ्लोरीकल्चर विभाग के उपनिदेशक सुनील सिंह ने दी है। इस अवसर पर पंचायत प्रतिनिधियों व आम जनता से बातचीत करते हुए डीसी ने फ्लोरीकल्चर विभाग की इस अनूठी पहल की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि यह पहल सामाजिक-आर्थिक उत्थान की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी। डीसी ने जिले में फ्लोरीकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए फ्लोरीकल्चर विभाग द्वारा उठाए गए इस अभिनव कदम की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की खेती कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और अपना जीवन स्तर उठा सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.