कुछ समय चलने के बाद हांफ गई ई-चालान नोटिस प्रक्रिया
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जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जिले में पुलिस नाकों से बचकर भाग निकलने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसने के लिए शुरू हुई ई-चालान प्रक्रिया कुछ ही समय चलने के बाद फुस्स हो गई। इस प्रक्रिया के तहत पुलिस विडियो कैमरों की मदद से गुपचुप तरीके से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को कैद करती थी। बाद में संबंधित वाहन चालकों के घर ई-चालान नोटिस भेजकर कार्रवाई करती थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया के तहत कार्रवाई नहीं हो रही है। यही वजह है कि यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चालक बेखौफ वाहन चलाते हैं।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों में किशोर व युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है। इन पर कार्रवाई की तो जाती है, लेकिन पुलिस नाकों से बचने के लिए यह वाहन की रफ्तार तेज करने से लेकर वाहनों को पीछे की तरफ मोड़ लेते हैं। इस तरह से इनके हादसों का शिकार होने का डर बना रहता है। इसके कारण यातायात पुलिस इन पर बेहद सावधानी से कार्रवाई करती है। इसके अलावा भी कई बार नाकों को देख कर चालक पीछे मुड़ कर कार्रवाई से बच जाते हैं। पुलिस नाके दौरान स्थिति ठीक रहते है, लेकिन जैसे ही पुलिस का नाका हटता है तो वाहन चालक खुलेआम यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने शुरू कर देते हैं।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले किशोरों व युवाओं सहित अन्य वाहन चालकों पर तकनीक की मदद से आसान, सुरक्षित व कारगर तरीका खोजते हुए इस साल अगस्त माह के अंत में ई-चालान नोटिस प्रकिया की शुरुआत की गई, जिसमें किसी जगह पर विडियो कैमरों को गुपचुप तरीके से लगा कर वहां सड़क पर गुजरने वाले वाहनों की विडियो रिकार्डिग की जाती थी। उसके बाद विडियो रिकॉर्डिग में यातायात नियमों का उल्लंघन करते नजर आने वाले वाहन का नंबर निकाला जाता है। यह नंबर परिवहन विभाग को भेज कर वाहन के मालिक का नाम और पता निकलवाया जाता। उसके बाद वाहन मालिक के घर एमवी एक्ट की धारा 133 के तहत चालान का नोटिस भेज कर चालान भुगतने को कहा जाता था। नोटिस के साथ विडियो फुटेज से ली गई उल्लंघन की तस्वीर और समय दिया जाता था। चालान का नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के अंदर उल्लंघन करने वाले को यातायात पुलिस के अधिकारियों के पास जाकर कंपाउंड चालान करवा कर जुर्माना चुकाना होता था। अगर किसी वाहन चालक के चालान भुगतने के लिए न आने पर उस वाहन का कोर्ट चालान कर दिया जाता था। शहर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी लगाने की थी योजना
यातायात पुलिस ने कार्रवाई की शुरुआत भले ही विडियो कैमरों से रिकॉर्डिग के साथ की थी, लेकिन योजना शहर के प्रमुख स्थानों पर क्लोज सर्किट टीवी (सीसीटीवी) कैमरे लगाने की थी। कैमरे लगाने के लिए शहर में दस स्थानों जखैनी चौक, सुभाष चौक, एमएच चौक, सलाथिया चौक, गोल मार्केट, वीनस चौक, गोल मेला, ओमाड़ा मोड़, चोपड़ा शॉप, संगूर चौक व शहीद मेजर नारायण सिंह चौक को चयनित कर प्रस्ताव बना कर मंजूरी के लिए भेजा गया था। इतना ही नहीं, वाहनों के नंबर प्लेटों को पढ़ने वाले ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिक्गनाइजेशन सिस्टम (एएनपीआरएस) लगाने की भी योजना थी। जो हाईवे और अलग और कस्बों के लिए अलग लगना था। एएनपीआरएस वाहनों में लगी एचएसआरपी को पढ़ कर सारी जानकारियां एकत्रित कर कंट्रोल रूम को भेज देता। जिससे कार्रवाई करने के लिए पुलिस को वाहन और उसके मालिक का विवरण सरलता से मिल जाता। कैमरे न लगने तक यातायात पुलिस गुपचुप तरीके से शहर में चौकों, प्रमुख स्थानों या हाईवे पर कहीं पर भी विडियो कैमरा लगा कर रिकार्डिग करती रही। मगर करीब महीना भर चलने के बाद इस प्रक्रिया के तहत कार्रवाई बंद हो गई।
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100 से अधिक वाहन चालकों को भेजे गए थे ई-चालान
यातायात पुलिस ने कैमरों की मदद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 100 से ज्यादा वाहन चालकों को ई-चालान भेजे। इसमें से 70 फीसद चालकों ने चालान भुगते भी। इस तरह से कार्रवाई से लोगों में भी डर बना था। लेकिन पुलिस ने अचानक प्रक्रिया से की जाने वाली कार्रवाई बंद कर दी और यातायात नियम तोड़ने वाले चालकों को ई-चालान भेजने बंद कर दिए। इससे स्थिति फिर पहले जैसी हो गई।
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फिर ई-चालान के तहत होगी कार्रवाई : एसएसपी टै्रफिक
एसएसएपी ट्रैफिक नेशनल हाईवे रामबन जेएस जोहर ने कहा कि
ई-चालान नोटिस भेजकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई शुरू की गई थी। यह काफी प्रभावी भी थी। इससे चालक यातायात नियमों का पालन करने लगे थे। मगर इसी बीच ऊधमपुर के डीएसपी का तबादला होने तथा उसकी जगह नए डीएसपी के आने से प्रक्रिया रुक गई। इसके बाद राज्य के केंद्र शासित प्रदेश बनने से भी कुछ बदलाव हुए। बदलावों के बाद कार्रवाई के लिए इस प्रक्रिया की रिमॉडलिग करने की जरूरत है। वहीं ऊधमपुर शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए फंड पहुंच चुके हैं। कैमरे लगने के साथ यह प्रक्रिया प्रभावशाली और सख्ती से लागू की जाएगी। एमवीए एक्ट में बदलाव के बाद जुर्माने काफी भारी भरकम हो गए हैं। इसलिए चालकों को कार्रवाई से पहले जागरूक किया जा रहा है। ई-चालान नोटिस भेज कर की जाने वाली कार्रवाई जल्द ही शुरू की जाएगी।
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कुछ समय पहले ही ऊधमपुर डीएसपी ट्रैफिक का कार्यभार संभाला है। विडियोग्राफी कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ कर उनके घरों में ई-चालान नोटिस भेजने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं है। यदि इस तरह से कार्रवाई होती थी, तो इसकी जानकारी जुटा कर फिर से इस प्रक्रिया से कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह नाकों पर की जाने वाली कार्रवाई से अधिक आसान और सुरक्षित है।
-मुजीब-उल-रहमान, डीएसपी ट्रैफिक, ऊधमपुर