सात करोड़ का ट्रांसफार्मर ग्रिड स्टेशन में फांक रहा है धूल
विकास अबरोल, ऊधमपुर बिजली विभाग (पीडीडी) की लापरवाही के कारण किसी भी समय सरकारी खजा
विकास अबरोल, ऊधमपुर
बिजली विभाग (पीडीडी) की लापरवाही के कारण किसी भी समय सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये की चपत लग सकती है। आलम यह है कि एक्सईएन कार्यालय के सामने स्थित जखैनी ग्रिड स्टेशन में नौ महीनों से जापान में निíमत 160 एमवीए का बिजली का ट्रांसफार्मर धूल फांक रहा है। विभाग के आला अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं।
पीडीडी द्वारा गत वर्ष सात करोड़ रुपये की लागत से जापान की तोशिबा कंपनी द्वारा निíमत 5 टन व•ानी 160 एमवीए का ट्रांसफार्मर संगलदान में रेलवे के लिए ग्रिड स्टेशन बनाने के लिए मंगवाया गया। बिजली विभाग ने बिना सोचे समझे और राष्ट्रीय राजमार्ग में पड़ने वाले छोटे-छोटे पुलों का निरीक्षण किए बगैर ही इसे मंगवा लिया। पांच टन व•ानी इस ट्रांसफार्मर को लादकर जब ट्रॉला ऊधमपुर पहुंचा तो ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने ट्राले को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। उनका तर्क था कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाले जिले रामबन के मैत्रा में दो छोटे-छोटे पुल आते हैं। जिसके ऊपर से 50 टन वजनी ट्रॉले में लदे 5 टन वजन ट्रांसफार्मर का गुजरना नामुमकिन है। इससे किसी भी समय कोई दुर्घटना घट सकती है। पीडीडी विभाग ने आनन फानन में जखैनी ग्रिड स्टेशन में लाखों रुपए खर्च कर ट्रांसफार्मर के विभिन्न हिस्सों को अलग-अलग कर काफी मशक्कत के बाद इसे ट्राले से अनलोड किया। अब हालत यह है कि खुले आसमान के नीचे धूप और बारिश के बीच सात करोड़ रुपये का ट्रांसफार्मर किसी भी वक्त खराब हो सकता है। संबंधित विभाग के अधिकारी कुभकर्णी नींद में सोये हैं।
स्थानीय लोगों में भी पीडीडी विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना भरे रवैये से काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि जिला पहले ही बिजली की वोल्टेज के उतार चढ़ाव से परेशान है। अगर इसे यहीं स्थापित कर दिया जाए तो इससे बार-बार बिजली की कटौती और वोल्टेज के उतार चढ़ाव से निजात मिलेगी।
इस संबंध में एक्सईएन केके थापा का कहना है कि मैत्रा के पास पड़ने वाले दो छोटे-छोटे पुल ट्रांसफार्मर को इसके गंतव्य तक जाने में रोड़ा अटकाए बैठे हैं। अब यही योजना बनाई जा रही है कि इसे खराब होने से पहले ऊधमपुर में ही स्थापित कर दिया जाए।