किश्तवाड़ में आतंकियों के छिपे होने का संदेह
मोस्टवांटेड आतंकी ओसामा जावेद हरुण वानी और नावेद किश्तवाड़ शहर के अंदर अलग-अलग ठिकानों में रह रहे हैं जहां इन्हें पूरा समर्थन मिल रहा है। हालांकि इस बात को सुरक्षा एजेंसियां भी स्वीकार कर रही हैं मगर आतंकी उनकी पहुंच से बाहर हैं।
बलबीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़ : बीते नौ माह से किश्तवाड़ के लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं। इन नौ महीने में आतंकी चार लोगों की हत्याएं करने सहित हथियार छीनने की घटना को अंजाम दे चुके हैं। इन घटनाओं में शामिल आतंकियों का सुरक्षा और जांच एजेंसियां अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई हैं। इसके कारण अब लोगों में किश्तवाड़ में फिर से आतंकवाद के पनपने की आशंका बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक हत्याओं और हथियार छीनने की वारदात में शामिल थे, वे शहर में गुप्त ठिकाने पर छिपे हुए हैं। मगर किसी को कोई भनक नहीं लग रही है। यह भी कहा जा रहा है कि मोस्टवांटेड आतंकी ओसामा जावेद, हरुण वानी और नावेद किश्तवाड़ शहर के अंदर अलग-अलग ठिकानों में रह रहे हैं, जहां इन्हें पूरा समर्थन मिल रहा है। हालांकि, इस बात को सुरक्षा एजेंसियां भी स्वीकार कर रही हैं, मगर आतंकी उनकी पहुंच से बाहर हैं।
हालांकि इन चार हत्याओं के बाद सुरक्षाबल सतर्क हैं। जगह-जगह नाके लगाए गए हैं। रोजाना किसी न किसी क्षेत्र में तलाशी अभियान चल रहा है, लेकिन सुरक्षाबल आतंकियों का सुराग नहीं लगा पा रहे हैं।
गौरतलब है कि एक नवबंर 2018 को किश्तवाड़ शहर में आतंकियों ने भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई उसके बाद मार्च में किश्तवाड़ के डीसी के अंगरक्षक से उसके घर में ऐके-47 और 90 गोलियां छीनकर आंतकी फरार हो गए। नौ अप्रैल को जिला अस्पताल में आरएसएस नेता व स्वास्थ्य कर्मी चंद्रकांत शर्मा और उनके अंगरक्षक राजेंद्र सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी।