विद्यार्थियों का असमंजस हुआ दूर, दसवीं बोर्ड का परिणाम घोषित होने से चहके विद्यार्थी
जागरण संवाददाता ऊधमपुर जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को दसवीं की परीक्षाओं
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को दसवीं की परीक्षाओं का परिणाम घोषित किया। इसके साथ ही काफी समय से परीक्षा परिणाम को लेकर असमंजस की स्थिति भी दूर हो गई। परिणाम घोषित होने के बाद से विद्यार्थी व उनके अभिभावक परिणाम जानने के लिए स्कूल से संपर्क कर रहे थे और बोर्ड की वेबसाइट पर परिणाम जानने में लगे थे।
ऊधमपुर के संगूर स्थित कामन पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने दसवीं की परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। स्कूल के लगभग सभी विद्यार्थी पास हुए हैं। स्कूल की प्रिसिपल सुमन स्नेह ने बताया कि स्कूल के 73 बच्चों ने दसवीं कक्षा की परीक्षा दी थी, जिनमें से 71 विद्यार्थी पास हुए हैं। इनमें से 19 विद्यार्थी डिस्टिक्शन के साथ पास हुए हैं।
इस बारे में मुख्य शिक्षा अधिकारी एके कौल ने बताया कि अभी उनके पास जिले में पास प्रतिशत के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। 90 फीसद अंकों के साथ पास होने वाली संगूर निवासी काजल पुत्री कुलदीप कुमार का सपना डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना है। वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को देती है। काजल ने कहा कि परिणाम को लेकर काफी असमंजस था, मगर परिणाम आने के बाद वह संतुष्ट है। उसने कहा कि यदि परीक्षाएं हो जातीं तो परिणाम और भी ज्यादा अच्छा आता।
88.4 फीसद अंकों के साथ पास होने वाले जखैनी निवासी आदित्य बलोत्रा पुत्र संजीव कुमार का लक्ष्य शिक्षक बन कर ज्ञान का प्रकाश फैलाना है। उसने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जैसे हालात बने, उसमें शिक्षकों ने काफी सहयोग किया। आनलाइन कक्षाओं में शिक्षकों ने बेहतर परिणाम हासिल करने में मदद की। परिणाम किस आधार पर निकलेगा और कैसा आएगा, इसे लेकर परेशानी थी, मगर परिणाम आशा के मुताबिक रहा है।
86.4 फीसद अंकों के साथ पास होने वाले संगूर के रहने वाले आर्यनवीर पुत्र जगदेव ने कहा कि वह डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहता है। विशेष रूप से समाज में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए काम करना चाहता है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देता है। कोरोना संकट के कारण पहले परीक्षाओं और उसके बाद परिणाम को लेकर काफी असमंजस था। वह परेशान था कि न जाने कैसा परिणाम आएगा। मगर परिणाम से वह खुश और संतुष्ट है।
86.4 फीसद अंक हासिल करने वाली संगूर निवासी राधिका गुप्ता पुत्री पवन गुप्ता का सपना पुलिस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। उसने कहा कि अध्यापकों ने अध्यन करने में काफी मदद की। कोरोना महामारी के बीच शिक्षकों ने आनलाइन क्लासों में काफी अच्छे से पढ़ाया है।
85.4 फीसद अंक प्राप्त करने वाली संगूर निवासी नताशा पटियाल पुत्री सुरिद्र सिंह निवासी का लक्ष्य सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। उसने कहा कि परीक्षा परिणाम को लेकर काफी असमंजस का आलम था, मगर परिणाम आने के बाद काफी खुश है। अध्यापकों ने भी आनलाइन पढ़ा कर सभी कासेप्ट क्लीयर करने में काफी सहयोग किया है।