Move to Jagran APP

तलवाड़ा विस्थापितों को आठ माह से नहीं मिला राशन, लगाई गुहार

संवाद सहयोगी रियासी अपनी लंबित मांगों को लेकर तलवाड़ा विस्थापितों का शिष्टमंडल तलवाड़ा

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 02:33 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 02:33 AM (IST)
तलवाड़ा विस्थापितों को आठ माह से नहीं मिला राशन, लगाई गुहार
तलवाड़ा विस्थापितों को आठ माह से नहीं मिला राशन, लगाई गुहार

संवाद सहयोगी, रियासी : अपनी लंबित मांगों को लेकर तलवाड़ा विस्थापितों का शिष्टमंडल तलवाड़ा विस्थापित एक्शन कमेटी के चेयरमैन बलवान सिंह की अध्यक्षता में एडीसी से मिला। उन्होंने ज्ञापन सौंप कर समस्याओं के शीध्र समाधान की मांग की। विस्थापितों को आठ महीने से राशन नहीं मिल पाया है।

loksabha election banner

शिष्टमंडल में शामिल लोगों ने प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। बलवान सिंह ने कहा कि विस्थापितों का पिछले लगभग 8 माह का राशन बकाया है, जोकि बार-बार मांग के बाबजूद नहीं दिया जा रहा। विस्थापितों की आíथक स्थिति इतनी अच्छी नहीं कि वह लंबे समय तक बाजार से महंगे दाम पर राशन खरीद सकें। उन्होंने कहा कि विस्थापित कॉलोनी के क्वार्टरों की हालत बरसात के मौसम में और भी ज्यादा बिगड़ गई है। बारिश का पानी क्षतिग्रस्त छतों से भीतर टपकता है, जिससे उनके लिए परेशानी ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि विस्थापित सूची की त्रुटियों को दूर न किए जाने से कई विस्थापित परिवार सरकारी सहायता से वंचित हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार विस्थापितों के मवेशियों के चारे के लिए प्रति मवेशी 300 प्रतिमाह नहीं दिए।

कमेटी के प्रधान जगदेव सिंह ने कहा कि सरकार की अनदेखी के चलते विस्थापित कई समस्याओं से परेशान हैं। आंतकवाद के कारण जबसे वे घरों से पलायन कर विस्थापित हुए हैं, तबसे उनकी जिदगी काफी खराब दौर से गुजर रही है। कश्मीर और जम्मू संभाग के विस्थापितों ने आतंकवाद की एक जैसी ही पीड़ा झेली है, लेकिन जम्मू संभाग के विस्थापितों को कश्मीरी विस्थापितों के बराबर सुविधाएं नहीं दी जातीं, जोकि भेदभाव को दर्शाता है। उन्हें भी कश्मीरी विस्थापितों की तरह आवासीय तथा अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याएं जल्द हल न हुई तो उन्हें प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। शिष्टमंडल में चमेल सिंह, करतार सिंह, परसराम, बलदेव सिंह भी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.