गुज्जर-बक्करवालों ने पुलिस पर किया पथराव, छह जवान घायल
संवाद सहयोगी रियासी रियासी में रविवार देर रात को बड़ी संख्या में मवेशी ले जा रहे गुज्जर
संवाद सहयोगी, रियासी : रियासी में रविवार देर रात को बड़ी संख्या में मवेशी ले जा रहे गुज्जर समुदाय के लोगों से मवेशी ले जाने की इजाजत तथा उनकी मंजिल के बारे में पूछताछ करने के दौरान उनका पुलिस से जबरदस्त टकराव हो गया। उन लोगों ने पुलिस पर जबरदस्त पथराव शुरू कर दिया। उन पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। लगभग तीन घंटे तक चले इस घटनाक्रम में छह पुलिस कर्मी घायल हो गए। पुलिस के दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने मौके पर आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिनमें तीन पुरुष और पांच महिलाएं शामिल हैं। इसी के साथ 220 मवेशी भी अपने कब्जे में ले लिए।
रविवार देर रात को रियासी-पौनी सड़क पर जिला मुख्यालय से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर जीरो मोड़ नाके पर पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर थे। इसी बीच पौनी सड़क की तरफ कांसी पट्टा से गुज्जर समुदाय के लगभग दो दर्जन लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, बड़ी संख्या में मवेशियों को सड़क से पैदल हांकते हुए जब जीरो मोड़ नाके पर पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने इतनी संख्या में मवेशी ले जाने तथा उनकी मंजिल के बारे में पूछताछ करना चाही। उनसे कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला और न ही वे पुलिस के रोकने पर रुके। नाके पर मौजूद जवानों ने इसकी सूचना रियासी में उच्चाधिकारियों को दी। एसडीपीओ वसीम हमदानी, एसएचओ विजय ठाकुर सहित पुलिस के लगभग 40 जवान, जिनमें महिला पुलिस भी शामिल थीं, तुरंत जांच व कार्रवाई के लिए निकल पड़े। बारादरी और सूला के बीच मुख्य सड़क के एक जगह पर पुलिस व मवेशी ले जा रहे लोगों के बीच आमना-सामना हो गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मवेशी ले जाने वाले लोगों से जब पूछताछ करनी चाही तो उन्होंने पुलिस से कोई सहयोग नहीं किया, बल्कि पुलिस को रास्ते से हटाने के लिए मवेशियों को उनकी तरफ तेजी से खदेड़ने के साथ ही पथराव शुरू कर दिया। उनमें कुछ ने हाथ में पकड़े डंडों के साथ पुलिस पर हमला कर दिया तो कई लोग सड़क से लगते ऊंचे स्थान पर चढ़कर वहां से पुलिस पर पत्थर बरसाने लगे। पुलिस पर हमले में मवेशी ले जाने वाले काफिले की महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। रात के अंधेरे में पत्थर की दिशा का कोई अनुमान न होने की वजह से पथराव की चपेट में आने से छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। पथराव और आंसू गैस के गोले दागने के धमाकों के साथ ही मवेशियों के बीच मची भगदड़ से मानों वहां कोहराम सा मच गया। इस दौरान कई मवेशी साथ लगते नदी-नालों की तरफ भाग गए। यह घटनाक्रम तड़के लगभग 4:30 बजे तक चला। इन सबके बीच पुलिस ने उस काफिले की पांच महिलाओं और तीन पुरुषों को हिरासत में ले लिया, जबकि बाकी के लोग अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे। टकराव शांत होने के बाद पुलिस ने नदी-नालों में भागे मवेशियों को इकट्ठा कर जिला पुलिस लाइन में जमा करना शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा 220 मवेशियों को पुलिस लाइन में लाया गया।
इस संबंध में एसएसपी रियासी रश्मि वजीर ने कहा कि मवेशी ले जाने वाले लोगों को मवेशी ले जाने का इजाजत पत्र दिखाने के लिए कहा था, जो कि वे नहीं दिखा पाए और न ही उन लोगों ने पुलिस का किसी तरह से कोई सहयोग किया। उल्टा उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है। पथराव में घायल हुए पुलिस जवानों के नाम
गोविद सिंह, हेड कांस्टेबल मोहम्मद इकबाल, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल राम सिंह, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मोहम्मद रफीक, कांस्टेबल अश्वनी कुमार और उमर याकूब।