प्रीपेड काउंटर पर नंबर सिस्टम को लेकर मजदूरों को किया जाएगा जागरूक : अंशुल गर्ग
राकेश शर्मा कटड़ा वैष्णो देवी मार्ग पर प्रीपेड काउंटर पर शुरू किए गए नंबर सिस्टम क
राकेश शर्मा, कटड़ा :
वैष्णो देवी मार्ग पर प्रीपेड काउंटर पर शुरू किए गए नंबर सिस्टम को लेकर घोड़ा, पिट्ठू व पालकी मजदूरों को जागरूक किया जाएगा। यह बात श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने पत्रकारों से बातचीत में कहीं।
उन्होंने कहा कि कुछ मजदूरों में इस सिस्टम को लेकर जागरूकता की कमी है, इसीलिए वे धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। लिहाजा श्राइन बोर्ड एडिशनल सीईओ नवनीत सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही एसपीसीए के सदस्य व मजदूरों के नेता आदि शामिल होंगे और सप्ताहभर के भीतर इस मामले को पूरी तरह से सुलझा लिया जाएगा। इसके साथ ही मजदूरों को जागरूक किया जाएगा कि लागू किया गया नंबर सिस्टम उनके हित में ही है।
अंशुल गर्ग ने कहा कि अभी तो यह नंबर सिस्टम ट्रायल के तौर पर है। इसको पूरी तरह से कुछ दिनों में प्रभावी ढंग से लागू कर दिया जाएगा, ताकि जारी प्रीपेड सिस्टम को लेकर किसी भी तरह की कमी न रहे और श्रद्धालुओं को लगातार इसका लाभ मिलता रहे।
नंबर सिस्टम से श्रद्धालुओं व मजदूरों को हो रहा सीधा फायदा : आखिर देर से सही श्रद्धालुओं की शिकायतों व सुझाव के आधार पर भवन मार्ग पर श्राइन बोर्ड द्वारा स्थापित प्रीपेड काउंटर पर नंबर सिस्टम लागू कर दिया गया है। हालांकि यह सिस्टम अभी ट्रायल के तौर पर ही जारी है, परंतु इसका सीधा फायदा श्रद्धालु को तो मिल ही रहा है, अधिकांश मजदूरों को भी मिल रहा है।
गौरतलब है कि श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के तुरंत यह सेवा प्राप्त हो, इसको लेकर वर्ष 2019 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा प्रीपेड सिस्टम लागू किया गया और निजी कंपनी जीमैक्स को जिम्मा सौंपा गया। इसको लेकर भवन मार्ग पर जगह-जगह प्रीपेड काउंटर स्थापित किए गए, ताकि श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के सुविधाजनक तरीके से घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी की सेवा प्राप्त हो। परंतु इस सिस्टम में प्रमुख कमियां लगातार श्रद्धालुओं को खल रही थी। क्योंकि सुविधा लेते समय श्रद्धालु को खुद ही मजदूर से बात करनी पड़ती थी, जिसके चलते मौके का फायदा उठाते हुए कुछ मजदूर श्रद्धालुओं के साथ मोलभाव करते थे और कई गुना अधिक पैसे वसूलते थे। हालांकि प्रीपेड काउंटर पर तय रेट की ही पर्ची कटवाते थे, परंतु रास्ते में श्रद्धालु से अधिक दाम वसूलते थे। इसको लेकर श्रद्धालु अपने आपको ठगा महसूस करता था तो दूसरी ओर श्रद्धालुओं के साथ कुछ मजदूर दुर्व्यवहार भी करते थे। इसकी शिकायतें लगातार श्राइन बोर्ड के साथ ही स्थानीय प्रशासन को मिल रही थीं। इसी का संज्ञान लेते हुए भवन मार्ग पर नंबर सिस्टम शुरू किया गया, जिससे अब श्रद्धालु को घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी को लेकर मजदूर को ढूंढना नहीं पड़ेगा। श्रद्धालु काउंटर पर जाएगा तो तय रेट पर उसकी पर्ची काटी जाएगी और तुरंत ही श्रद्धालु को मजदूर प्राप्त होगा। इस व्यवस्था से श्रद्धालु पूरी तरह से संतुष्ट हैं। वहीं, घोड़ा, पिट्ठू व पाली मजदूर को बिना किसी इंतजार के यह सेवा लगातार प्राप्त हो रही है। उसका फायदा भी मजदूरों को हो रहा है, परंतु जो मजदूर श्रद्धालुओं के साथ मोलभाव करने के साथ ही दूर दुर्व्यवहार करते थे उनको यह नंबर सिस्टम शायद रास नहीं आ रहा है। इसीलिए नंबर सिस्टम के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। गौरतलब है कि भवन मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुल 12,200 घोड़ा, पिट्ठू व पालकी मजदूर कार्य करते हैं। इनमें 4197 घोड़ा चालक, 4689 पिट्ठू व 3314 पालकी मजदूर शामिल हैं।