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भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधा प्यार, भाइयों ने दिए शगुन और उपहार

जागरण संवाददाता ऊधमपुर भाई-बहन के निर्मल और शाश्वत प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पूरे पारंपरिक

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 02:02 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:15 AM (IST)
भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधा प्यार, भाइयों ने दिए शगुन और उपहार
भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधा प्यार, भाइयों ने दिए शगुन और उपहार

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : भाई-बहन के निर्मल और शाश्वत प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पूरे पारंपरिक रीति रिवाज, श्रद्धा और उल्लास के साथ शहर व जिले की सभी तहसीलों में मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर प्यार में लिपटे राखी के धागे बाधे, तो भाइयों ने भी अपनी बहनों को उपहार व शगुन देकर अपने प्रेम को प्रदर्शीत किया। हालाकि कोरोना संक्रमण की वजह से काफी कम बहनें ही भाइयों की कलाई पर इस राखी सजा पाई। जिले से बाहर अन्य जिलों और राज्यों में रहने वाली बहनों ने अपने भाइयों को कोरियर और डाक से राखिया भेजी। दो दिन के बाद खुले बाजार में सुबह से खासी रौनक और भीड़ रही, मगर दोपहर के बाद भीड़ कम रही।

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सोमवार को रक्षाबंधन का पावन पर्व धूमधाम से पूरे जिले में मनाया गया। शनिवार और रविवार को दो दिन के लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में बहनों ने शुक्रवार को राखियों की खरीदारी की और राज्य से बाहर और दूसरे जिलों में रहने वाले अपे भाइयों को राखिया भेजी। दो दिन के लॉकडाउन के बाद सोमवार सुबह बाजार खुलने के साथ ही राखी की दुकानों पर राखिया खरीदने के बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। फलों और मिठाइयों की दुकानों पर भी खरीदारी के लिए लोग पहुंचे। प्रशासन के निर्देशों के चलते दुकानदारों ने शारीरिक दूरी बनाए रखने और भीड़भाड़ न होने देने के प्रबंध कर रखे थे। मिठाइयों की दुकानों सहित अन्य दुकानों और बाजार में सिविल डिफेंस के वालंटियर्स व्यवस्था को बनाने में लगे थे। वहीं, उपहारों की दुकानों पर भी भाइयों ने बहनों के लिए उपहार खरीदे। सुबह से जिले और शहर में ब्याही गई बहनें अपने भाइयों के पास राखी बंधाने पहुंचीं तो कहीं पर भाई अपने बहनों के पास राखी बंधवाने के लिए गए। जिले से बाहर अन्य जिले व अन्य राज्यों में पढ़ाई करने या काम के सिलसिले में गई बहनें और जिले से बाहर दूसरे राज्यों व जिलों में ब्याही गई बहनें अपने भाइयों तक नहीं पहुंच सकीं। कोरोना की वजह से बनी स्थिति के चलते बहनों ने अपने भाइयों को डाक और कोरियर से राखिया भिजवाई। यात्री वाहनों में महिलाएं रहीं अधिक

दो दिन का लॉकडाउन खुलने पर सोमवार को जिले के अंदर विभिन्न रूटों पर यात्री वाहन चले। दिनभर इन वाहनों में सफर करने वाले यात्रियों में महिला यात्रियों की संख्या अधिक थी। मेटाडोर स्टैंड और स्टाप पर भी दिनभर अपने भाइयों को राखी बाधने के लिए जाने या बाधकर वापस अपने घरों को लौटने के लिए महिलाएं यात्री वाहनों का इंतजार करती नजर आईं। बच्चों सहित बड़ों ने दिनभर की पतंगबाजी

जम्मू संभाग के अन्य जिलों की तरह ऊधमपुर में भी रक्षाबंधन और जन्माष्टमी के दिन पतंगबाजी होती है। रक्षाबंधन से पहले ही पतंगबाजी का दौर शुरू हो जाता है, जो जन्माष्टमी से भी कुछ दिन बाद तक जारी रहता है। इस बार कोरोना संक्रमण और बरसात की वजह से पतंगबाजी पहले की तरह तो नहीं हुई, मगर रक्षाबंधन के दिन दुकानें खुलते ही बच्चे, युवा और बड़े बाजार में पतंगें और माझा खरीदने में जुट गए। कई लोगों ने शुक्रवार और उससे पहले ही पतंगबाजी के लिए तैयारी कर ली थी, मगर ज्यादातर लोगों ने सोमवार को पतंगे और माझा खरीदा। दुकानदारों के इस बार किसी ने चाइनीज माझा की माग ही नहीं की। सुबह से शाम तक बच्चे, युवा और बड़े घरों की छतों पर चढ़ कर पतंगबाजी करते रहे और एक दूसरे से पेच लड़ाते नजर आए। इस दौरान कई लोग छतों पर म्यूजिक सिस्टम लगाकर ऊंची आवाज में गाने बजाते रहे।


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