ग्रेनेड हमले के बाद लोग हुए परेशान
संवाद सहयोगी किश्तवाड़ किश्तवाड़ के डेडपैठ इलाके में हुई आतंकी वारदात के बाद घंटा
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ के डेडपैठ इलाके में हुई आतंकी वारदात के बाद घंटों तक लोग परेशान होते रहे। किसी को भी भंडारकोर्ट से आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई और न ही डेडपैठ, मुगल मैदान से किश्तवाड़ की तरफ किसी वाहन को आने की इजाजत दी गई। डेढ़ बजे के करीब यह घटना घटी थी और घटना घटते से ही दोनों तरफ से वाहनों को रोक दिया गया।
यही नहीं वाहन रोकना किश्तवाड़ से ही शुरू हो गया था। किश्तवाड़ से लेकर भंडार कोर्ट तक चार नाके लगाए गए थे। पहला नाका एसएसपी दफ्तर के बाहर, दूसरा गिरि नगर, तीसरा बिद्रावन और चौथा भंडार कोर्ट। ऐसे में सैकड़ों वाहन खड़े हो गए और लोग परेशान होते नजर आए। वही हाल मुगल मैदान की तरफ था, लेकिन जब वहां पर पुलिस अधिकारियों ने पूरी जानकारी ले ली तो उसके बाद छात्रु, मुगल मैदान की तरफ से किश्तवाड़ के लिए वाहनों को छोड़ दिया गया। लेकिन उन्हें फिर भंडार कोर्ट में रोक दिया गया। आखिर शाम 5 बजे के बाद दोनों तरफ से वाहनों को छोड़ा गया तो लोगों ने राहत की सांस ली।
किश्तवाड़ के डेडपैठ इलाके में हुई आतंकवादी घटना के बाद जब मीडिया कर्मियों को यह पता चला कि आतंकवादियों ने पुलिस की गाड़ी पर ग्रेनेड फेंका है तो मीडिया कर्मी इस घटना की कवरेज के लिए किश्तवाड़ से डेडपैठ के लिए रवाना हुए, लेकिन उन्हें किश्तवाड़ से 10 किलोमीटर दूर भंडार कोर्ट में 11 राष्ट्रीय राइफल के नाके पर रोक दिया गया। हालांकि मीडिया कर्मियों ने सेना के जवानों को अपनी पहचान बताते हुए आग्रह किया कि उन्हें घटनास्थल पर जाने दिया जाए, ताकि वे देख सकें कि माजरा क्या है। लेकिन किसी ने भी एक न सुनी और यह कहा गया कि हमें आदेश है कि यहां से आगे किसी भी मीडियाकर्मी को नहीं जाने दिया जाए। जब इस बात को लेकर किश्तवाड़ के एसएसपी व कुछ सेना के अधिकारियों से मोबाइल से संपर्क साधना चाहा तो किसी ने भी मोबाइल फोन नहीं उठाया। आखिरकार काफी समय वहां रुकने के बाद मीडियाकर्मी वापस किश्तवाड़ आ गए।
हां, इतना जरूर है कि जब यह घटना घटी तो किश्तवाड़ के एसएसपी डॉक्टर हरमीत सिंह मेहता ने पुलिस व मीडिया के साथ बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में यह डाल दिया कि पुलिस की गाड़ी पर ग्रेनेड फेंका गया है, लेकिन कोई नुकसान नहीं है। बस इतनी सी ही ब्रीफिग पुलिस की तरफ से दी गई।