प्राइवेट स्कूल नहीं ले पाएंगे छुट्टियों की फीस
संवाद सहयोगी, पौनी : क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल अब दो महीने के छुट्टियों की फीस नहीं ले पाएंगे,
संवाद सहयोगी, पौनी : क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल अब दो महीने के छुट्टियों की फीस नहीं ले पाएंगे, क्योंकि चीफ एजुकेशन ऑफिसर रियासी निर्मल चौधरी ने आदेश जारी कर छुट्टियों में प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोई भी प्राइवेट स्कूल अब जून और जुलाई महीने की फीस बच्चों से नहीं ले पाएगा। बच्चों के अभिभावक सीईओ के इस फैसले से काफी खुश हैं। अभिभावकों का कहना है इन दो महीने में बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं ऐसे में स्कूल प्रशासन द्वारा फिर भी बच्चों से फीस वसूली जाती थी।
तहसील पौनी में रहने वाले शाम लाल, कस्तूरी लाल, पंकज शर्मा, सुशील शर्मा, मंदीप ¨सह, कुलवीर ¨सह आदि का कहना है उनके बच्चे पौनी, भारख, खैरालेड, लेतर, डडोआ स्थित प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दो महीने की छु़ट्टियों की फीस पर प्रतिबंध लगने से उन्हें थोड़ी बहुत राहत मिलेगी।
वहीं, कुछ प्राइवेट स्कूलों के ¨प्रसिपलों ने बताया वह सीईओ द्वारा जारी किए गए आदेश का पुरी तरह से पालन करेंगे। छु़ट्टियों के दो महीने की फीस अब बच्चों से नहीं ली जाएगी। 11वीं कक्षा में मिला दाखिला
हाल ही में दसवीं प्राइवेट कक्षा से पास हुए विद्याíथयों को 11वीं कक्षा में दाखिला प्राप्त नहीं हो पा रहा था, जिससे विद्याíथयों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा था। राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा अनुमित देने के बाद कस्बे के हायर सेकेंडरी स्कूल पौनी, लेतर और भारख में हाल ही में दसवीं कक्षा से पास हुए सभी विद्याíथयों को 11वीं कक्षा में दाखिला दे दिया गया है। सीईओ रियासी निर्मल चौधरी ने बताया बच्चों को 11वीं कक्षा में दाखिला दे दिया गया है।
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पौनी में पहुंचे दो लेक्चरर्स
कस्बे के हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थानीय लोगों और विद्याíथयों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद चीफ एजुकेशन ऑफिसर रियासी निर्मल
चौधरी द्वारा दो लेक्चरर्स की तैनाती कर दी गई है। अंग्रेजी और ¨हदी विषय के दोनों अस्थायी लेक्चरर्स स्कूल में पहुंच गए हैं, लेकिन
कॉमर्स और बॉटनी के लेक्चरर्स अभी नहीं पहुंचे हैं। स्थानीय लोगों ने सीईओ से बाकी बचे दो लेक्चरर्स को भी शीघ्र तैनात करने की अपील की है। लोगों का कहना है अगर जल्द खाली पड़े दो लेक्चरर्स के पद नहीं भर गए तो वह एक बार फिर से प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएंगे।