न सड़क बनी और न ही पुल का अधूरा काम तैयार हुआ
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जागरण संवाददाता, ऊधमपुर :
ऊधमपुर के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की जड़ें तेजी से फैलती जा रही हैं। यह एक संक्रमण रोग जैसा हो चुका है। भ्रष्टाचार की स्थिति यह है कि रिश्वत के मामले में पकड़ा जाने वाला रिश्वत देकर छूट जाता है। भ्रष्टाचार में लिप्त लोग अपने स्वार्थ में इस कदर अंधे हो चुके हैं कि वह समाज, राज्य और देश व लोगों के बारे में एक बार भी नहीं सोचते। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कठोर दंड का प्रावधान करने की जरूरत है। ऊधमपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में बातें कहते हुए कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी खजूरिया ने आरएंडबी विभाग से जनता को 7.40 करोड़ का हिसाब देने को कहा है।
खजूरिया ने कहा कि ऊधमपुर जिला में अनेकों ऐसे रोड प्रोजेक्ट हैं जो या तो बनाए ही नहीं गए या फिर उनका काम अधूरा किया गया है। जबकि सरकार ने उक्त रोड प्रोजेक्टों के लिए पूरा फंड दिया है। खजूरिया ने कहा कि 2016-17 में जखैनी ऊधमपुर से लोअर बली होते हुए शारदा माता मंदिर तक नाबार्ड के तहत सड़क परियोजना बनाई गई थी। इसके लिए 3.40 करोड़ की राशि विभाग के पास आई थी। सरकार के मुताबिक नाबार्ड के प्रोजेक्ट को बदला नहीं जा सकता। तो फिर ऐसा क्या कारण रहा कि आज तक उस सड़क परियोजना पर एक छोटा पत्थर भी नहीं लगाया गया। उप राज्यपाल के सलाहकार आरआर भटनागर और कमिश्नर सेक्रेटरी खुर्शीद अहमद इस बात का पता लगाएं कि क्या आवंटित फंड खर्च हो गया। ऊधमपुर के लोगों की आस्था का केंद्र शारदा माता मंदिर तक सड़क न बना कर अन्याय क्यों किया गया है।
खजूरिया ने कहा कि वर्ष 2015-16 क्रिमची मानसर के पास हिबरा नाले पर पुराने पैदल चलने वाले पुल की जगह मोटरेबल ब्रिज का प्रोजेक्ट एसडीआएफ योजना के तहत बनाया गया। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत इसके लिए चार करोड़ रुपए की राशि विभाग के पास आई। यह राशि खर्च कर पुल बनकर तैयार कर दिया गया, मगर आज तक पुल के दोनों तरफ अप्रोच रोड ही नहीं बनाई गई। जिस वजह से यह पुल बन कर भी किसी काम नहीं आ रहा। इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों का भी पता लगाया जाना चाहिए। खजूरिया ने आरोप लगाया कि उनको जानकारी मिली है कि चार करोड़ रुपए के बड़े भाग का कहीं और प्रयोग किया जा चुका है, जो कि जांच का विषय है।
विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचारी की वजह से आम लोग कब मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहेंगे। सड़कें, पानी, बिजली लोगों की प्राथमिकता हैं। जिसके चलते लोगों की मान के अनूरूप सरकार प्रोजेक्ट तैयार करवाती है। उनको बनाने के लिए करोड़ों रुपये जारी करती है। मगर जमीनी स्तर पर परिणाम शून्य ही नजर आते हैं।
उन्होंने उप राज्यपाल, उनके सलाहकारों से ऐसे मामलों की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। इसके साथ ही जांच में यदि कहीं पर भ्रष्टाचार पाया जाता है तो भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए कड़े कदम उठाए।