28 को जिले की सड़कों पर नहीं दौड़ेंगे यात्री वाहन, ऑल ट्रांसपोर्ट यूनियन ने किया चक्का जाम का एलान
राज्य प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ सभी ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने एक मंच पर आकर विरोध करने का फैसला लिया है। 28 नवंबर को वाहनों के चक्का जाम कर हड़ताल रखने का फैसला लिया गया है।
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जिला ऊधमपुर में 28 नवंबर को लोगों को स्कूल, कॉलेज और दफ्तर के साथ कहीं भी आने जाने के लिए परेशान होना पड़ेगा। ऑल ट्रांसपोर्ट यूनियन ने 15 साल के पुराने वाहनों के चलने पर रोक तथा नए वाहनों पर 9 फीसद टैक्स लगाने के विरोध में 28 को चक्का जाम करने एलान किया है। उन्होंने इस चक्का जाम के दौरान लोगों को होने वाली असुविधा के लिए राज्य प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
गौरतलब है कि पर्यावरण को संरक्षित करने व हादसों पर लगाम लगाने के लिए राज्य प्रशासन ने 15 साल पुराने वाहनों के चलने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही नए वाहनों पर लगने वाले टैक्स में तीन फीसद की वृद्धि कर उसे 9 फीसद कर दिया गया है। इन दोनों फैसलों का विरोध करते हुए रविवार को ऑल ट्रांसपोर्ट यूनियन ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने दोनों ही फैसलों को लोगों को बोझ बताया। उन्होंने कहा कि यात्री वाहन खरीदने पर 9 फीसद का टैक्स काफी ज्यादा है। सरकार आम आदमी पर बेवजह आर्थिक बोझ बढ़ा रही है, जोकि किसी तरह से भी जायज नहीं है। दर्शन कोतवाल ने कहा कि ट्रांसपोर्टर और स्थानीय बेरोजगार युवा जैसे तैसे पैसों का प्रबंध कर वाहन खरीदते हैं। उसके बाद 9 फीसद टैक्स लगने से खर्च काफी बढ़ जाता है।
अब राज्य प्रशासन ने 15 साल पुराने वाहनों को सड़क पर न चलने देने का फैसला लिया है। यह फैसला भी उचित नहीं है। क्योंकि जिले में कई वाहन तो ऐसे हैं, जो प्रतिदिन केवल 10 से लेकर 50 किलोमीटर के रूट पर चलते हैं। 15 साल में ऐसे वाहन 50 से 60 हजार किलोमीटर ही चल पाते हैं। इतने कम चले वाहनों को कंडम घोषित कर सड़क से हटाने का फैसला न्यायसंगत नहीं है। क्योंकि 15 सालों में यह वाहन अपनी कीमत भी नहीं निकाल पाते। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ सभी ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने एक मंच पर आकर विरोध करने का फैसला लिया है। इसके तहत 28 नवंबर को वाहनों के चक्का जाम कर हड़ताल रखने का फैसला लिया गया है। जिले में कोई भी यात्री वाहन इस दिन नहीं चलेगा। इस अवसर पर बनिहाल ग्रुप बस यूनियन के ऊधमपुर के मैनेजर रामदेव, नासिर हुसैन, रछपाल ¨सह, बलबीर ¨सह, टैक्सी यूनियन के प्रधान रवि कलसी के अलावा ऑटो व अन्य ट्रांसपोर्ट यूनियनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
लोग आने जाने की कर लें व्यवस्था वाहनों के चक्का जाम हड़ताल से लोगों को परेशानी न हो। इसलिए ऑल ट्रांसपोर्ट यूनियन ने पहले ही लोगों को सूचित कर दिया है। उन्होंने अपील की है कि उनका मकसद लोगों को परेशान करना नहीं, मगर अपने हक की लड़ाई को लड़ने के लिए उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को लोगों को परेशान न होना पड़े, इसलिए वह अपने आने जाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर लें। विशेष रूप से स्कूल, कॉलेज आने वाले विद्यार्थी व दफ्तरों को आने वाले कर्मचारी व विभिन्न कामों से जिला मुख्यालय आने वाले लोग। क्योंकि पूरे जिले में कोई भी यात्री वाहन नहीं चलेगा।
लोगों की मुश्किलें बढ़ना तय चक्का जाम हड़ताल यदि पूरी तरह प्रभारी रही तो लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ जाएगी। ऊधमपुर में ग्रामीण इलाकों के 90 फीसद लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर हैं। इसके अलावा कामकाजी लोग और विद्यार्थी वर्ग भी यात्री वाहनों से आते जाते हैं। ऊधमपुर में 150 के करीब बसें, 400 मेटाडोर और 500 के करीब ऑटो रिक्शा चलते हैं। 200 के करीब टैक्सियां हैं। हड़ताल के दौरान उन सभी के पहिये पूरी तरह से जाम रहेंगे।