सेना ने किश्तवाड़ के कलाकारों को लेकर म्यूजिकल बैंड बनाया
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : आतंकवाद का सफाया करने के साथ सेना स्थानीय युवकों को भी अपने साथ लेकर चल
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : आतंकवाद का सफाया करने के साथ सेना स्थानीय युवकों को भी अपने साथ लेकर चल रही है और तरह-तरह के कार्यक्रम करवा रही है। किश्तवाड़ में स्थित 26 राष्ट्रीय राइफल ने किश्तवाड़ के होनहार युवा कलाकारों को लेकर एक म्यूजिकल बैंड बनाया है, जिससे यहां के कलाकारों को उभरने का मौका मिलेगा, साथ में कुछ और सीखने को मिलेगा।
यह बैंड उन कलाकारों के लिए है, जिनमें कला का हुनर है। कोई अच्छा ढोलक बजाना जानता है, कोई हारमोनियम या तबला अथवा कोई और साज (इंस्ट्रूमेंट), लेकिन उसे साज-सामान खरीदने में कोई मदद नहीं मिलती और वह आगे नहीं बढ़ पाता। सेना ने ऐसे बहुत सारे साज-सामान खरीद कर एक ग्रुप बनाकर उनके हवाले किया है और इसे किश्तवाड़ म्यूजिकल बैंड का नाम दिया है। इस म्यूजिकल बैंड से जुड़े कलाकार किश्तवाड़ के आशियाना ब्वॉयज हॉस्टल में अपनी प्रेक्टिस करेंगे और जहां भी कोई अच्छा कार्यक्रम होगा या कोई राष्ट्रीय पर्व, वहां पर भी ये अपनी कला के जौहर दिखाएंगे। इनके साथ जो किश्तवाड़ के संगीत सीखने वाले युवा हैं, वे भी इनके पास आकर संगीत सीखेंगे। इस म्यूजिकल बैंड को चलाने के लिए सेना ने यहां के कुछ म्यूजिकल शिक्षकों की मदद ली है। वे इन्हें रोजाना प्रेक्टिस करवाएंगे।
संगीत गुरु संजीव शर्मा का कहना था कि मैं काफी समय से किश्तवाड़ के बच्चों को संगीत सिखा रहा हूं, लेकिन बच्चों के पास कुछ इंस्ट्रूमेंट नहीं होते हैं, जिसके चलते वे पीछे रह जाते हैं। सेना ने यह सारा सामान खरीद कर दिया है और हम बच्चों को संगीत सिखा रहे हैं। बच्चों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। जैसे-जैसे स्थानीय बच्चों को यह पता चल रहा है कि यहां पर संगीत सिखाया जाता है तो वे भी अपना नाम दर्ज कराने में की दौड़ में लगे हुए हैं।
इस बारे में सेना के अधिकारियों का कहना था कि यहां पर बच्चों में संगीत के बारे में काफी टैलेंट है, लेकिन कुछ कारणों से वे पीछे रह जाते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि यह बच्चे आगे आएं और संगीत सीखें। क्योंकि सेना का यही काम है कि युवाओं को अपने साथ जोड़े रखें। इससे यहां का भाईचारा भी बना रहेगा।