मचैल से सभी यात्री सुरक्षित अपने घरों को पहुंचे
संवाद सहयोगी किश्तवाड़ जिले के पाडर इलाके में मंगलवार रात को बादल फटने से आई बाढ़ के कारण्
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : जिले के पाडर इलाके में मंगलवार रात को बादल फटने से आई बाढ़ के कारण कुछ पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे और रास्ते को भी नुकसान पहुंचा था। वहीं, मचैल माता के भवन में विभिन्न स्थानों के 130 से ज्यादा यात्री फंस गए थे, जो रविवार को अपने घरों में सुरक्षित पहुंच चुके हैं।
शनिवार को दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को बढ़-चढ़कर उठाया था कि प्रशासन व सरकार के सभी लोगों का ध्यान दक्षन तहसील के हंजर गाव की तरफ ही है। पाडर की तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। इसी के चलते शनिवार को पाडर प्रशासन ने एक दल मचैल की तरफ रवाना किया, जिन्होंने वहा जाकर वहा पर फंसे हुए लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से निकाला और गुलाबगढ़ पहुंचाया।
मचैल सर्वशक्ति सेवा संस्था के प्रधान दिलजीत सिंह ने बताया कि यहा पर जितने भी यात्री फंसे थे, सब पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्हें गाव के लोगों ने अपनी शरण में रखा था। उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था गाव के लोगों ने की थी, इसलिए वे माता के दरबार में पूरी तरह सुरक्षित रहे। यह मा भगवती की कृपा है कि इतनी बड़ी त्रासदी होने के बाद भी पूरे इलाके में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। जो थोड़ा बहुत नुकसान पुलों का हुआ है, वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे। उनका कहना था कि लोगों के घरों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
25 जुलाई को मचैल माता का मंदिर खुलने के बाद पाडर इलाके के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि हो सकता है अब माता चंडी की यात्रा थोड़ी-थोड़ी करके चलती रहेगी और यहा पर लोगों का कारोबार भी चलता रहेगा, लेकिन यात्रा पर प्रशासन ने रोक लगा दी। सिर्फ छड़ी निकाली जाएगी। 18 अगस्त को जम्मू के पक्काडंगा से माता की पवित्र छड़ी चलेगी और 22 अगस्त को माता के दरबार में पहुंचेगी। 24 अगस्त को पवित्र छड़ी की वापसी होगी।