मचैल माता मंदिर के कपाट पूजा-अर्चना के साथ खुले
संवाद सहयोगी किश्तवाड़ किश्तवाड़ के पाडर में स्थित जम्मू संभाग का प्रसिद्ध मचैल चंडी माता मंदिर
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ के पाडर में स्थित जम्मू संभाग का प्रसिद्ध मचैल चंडी माता मंदिर रविवार को बैसाखी के दिन भक्तों के लिए खोल दिया गया। तीन महीने तक बंद रहने के बाद विधिवत पूजा-अर्चना के साथ मंदिर के कपाट दर्शन के लिए खोल दिए गए।
बता दें कि मचैल चंडी माता का मंदिर हर साल मकर संक्रांति के दिन बंद कर दिया जाता है। इसके बाद तीन माह बाद बैसाखी पर खोला जाता है। मंदिर खुलने के चलते रविवार को मचैल गांव में उत्सव जैसा माहौल था। सुबह मंदिर की साफ-सफाई के बाद मचैल माता मंदिर के मुख्य पुजारी ने पहलवान सिंह के घर की छत पर बने मंदिर में रखी मूर्ति को विधिवत पूजन कर वहां गोद में उठा कर मुख्य मंदिर के कपाट खोलने के बाद मंत्रोच्चारण और पूजन कर स्थापित किया। इसके बाद मंदिर में मां के दर्शन के लिए मचैल गांववासियों की भीड़ उमड़ पड़ी। ढोल नगाड़ों के साथ मां के मंदिर में विराजमान होने का जश्न उत्सव की तरह मनाया गया। इस साल बैसाखी के दिन किश्तवाड़ में कर्फ्यू होने की वजह से किश्तवाड़ व राज्य के अन्य हिस्सों और बाहरी राज्यों से आने वाले भक्त ज्यादा संख्या में नहीं पहुंच सके। मगर कुछ श्रद्धालु कर्फ्यू के बावजूद मंदिर में पहुंच कर माथा टेका। आरएसएस नेता की हत्या के चलते नहीं मनाया बैसाखी उत्सव
भंडारकूट में हर साल मनाया जाने वाला बैसाखी उत्सव इस बार नहीं मनाया गया। यहां बैसाखी उत्सव आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा ही लोगों के सहयोग से करवाते आ रहे थे, मगर उनकी हत्या हो जाने से इस बार भंडारकूट के सभी मंदिरों में बैसाखी के दिन वीरानी छाई रही। किश्तवाड़ से कोई भी श्रद्धालु वहां नहीं पहुंच सका।